गांधीनगर : गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रूपाणी ने देश-दुनिया में 'ड्रैगन फ्रूट' नाम से चर्चित लाल और गुलाबी रंग के एक खास फल का नाम बदलकर 'कमलम' रखने का ऐलान किया था। सीएम ने अब बताया है कि आखिर इसकी वजह क्या है, उन्होंने इस फल का नाम बदलने का फैसला क्यों किया। सीएम ने कहा कि कइस फल का 'ड्रैगन' नाम चीन से जुड़ा लगता है और इसलिए उन्होंने इसका नाम बदलने का फैसला किया।
क्यों रखा 'कमलम' नाम?
सीएम रूपाणी ने कहा कि ड्रैगन नाम से लगता है कि इसका संबंध कहीं न कहीं चीन से है। इसलिए इस फल के लिए यह नाम उचित नहीं प्रतीत होता। यही वजह है कि सरकार ने इसे बदलकर कमलम रखने का फैसला किया। उन्होंने कहा कि इस फल का बाहरी आवरण कमल जैसा दिखाई देता है और इसका रंग भी कमल के फूल से काफी मिलता-जुलता है, इसलिए सरकार ने इसका नाम बदलकर 'कमलम' रखने का फैसला किया।
गुजरात के सीएम ने कहा कि इस फल के 'कमलम' नाम के पेटेंट को लेकर सरकार ने आवेदन भी दिया है। उन्होंने कहा कि कमलम संस्कृत का शब्द है, जिसका अर्थ कमल है। उन्होंने यह भी कहा कि इसमें कुछ भी राजनीतिक नहीं है।
यहां उल्लेखनीय है कि कमल बीजेपी का चुनाव चिह्न है और गांधीनगर में बीजेपी के दफ्तर का नाम 'श्री कमलम' है।
क्या है 'ड्रैगम फ्रूट'?
गुजरात के सीएम ने जिस फल का नाम 'ड्रैगन फ्रूट' से बदलकर 'कमलम' करने की घोषणा की है, वह एक उष्णकटिबंधीय फल है। मूल रूप से इसका ताल्लुक मध्य अमेरिका से है, लेकिन अब दुनिया के कई देशों में इसकी खेती होती है। हाल के वर्षों में यह फल तेजी से बाजार में उभरा है। अपने खास स्वाद और अलग तरह का दिखने की वजह से यह फल लोगों के बीच खूब लोकप्रिय होत रहा है।
गुजरात में किसान इस फल की खूब खेती करते हैं और यहां बड़ी मात्रा में इसका उत्पादन होता है। यह फल 'पिताया' के नाम से भी जाना जाता है। भारतीय बाजारों में यह 350 रुपये से 500 रुपये प्रति किलोग्राम तक बेचा जाता है। इसे अस्थमा और डायबिटीज जैसी बीमारियों उपचार में काफी मददगार माना जाता है। इसमें कैंसर रोधी तत्व हैं तो यह भी कहा जाता है कि यह फल ढलती उम्र में शरीर में होने वाली कई कमियों को भी दूर करता है।