- अदालती फैसले के बाद बोले आचार्य धर्मेंद्र, जहां जहां दाग सब मिटाएंगे
- अभी तो यह झांकी है, काशी और मथुरा बाकी है- आचार्य धर्मेंद्र
- यह एक फैसला है जो साबित करता है कि विध्वंस वाला काम संत नहीं कर सकते हैं।
लखनऊ। 28 साल पुराने बाबरी विध्वंस केस में सीबीाई की विशेष अदालत ने बुधवार को महत्वपूर्ण फैसला सुनाया। विशेष जज एस के यादव ने जब कहा कि वो घटना पूर्व नियोजित नहीं थी उससे ही साफ हो गया कि फैसले का रुख क्या होने वाला है। फैसला पढ़ने के क्रम में उन्होंने कहा कि अभियोजन पक्ष की दलीलों में दम नहीं था, लिहाजा यह अदालत सभी 32 आरोपियों को बरी करती है। इस फैसले के साथ आडवाणी, जोशी और उमा भारती समेत 32 लोगों को राहत मिली जिसमें आचार्य धर्मेंद्र भी हैं।
जहां जहां दाग है सब मिटेंगे
सीबीआई की विशेष अदालत के फैसले के बाद उन्होंने कहा कि देश की एक अरब जनता जहां जहां दाग है उसे मिटाएगी और इसके साथ यह भी कहा कि अभी तो यह झांकी है, मथुरा काशी बाकी है। जब उनसे पूछा गया कि मथुरा मामले की सुनवाई बुधनार को होने जा रही है और काशी की सुनवाई 3 अक्टूबर को होगी उस विषय पर क्या कहना है तो उनका जवाब साफ था कि देश में जहां जहां दाग लगे हैं उन्हें मिटाया जाएगा।
अदालती फैसले का सम्मान
आचार्य धर्मेंद्र ने कहा कि वो अदालत के फैसले को सम्मान के साथ स्वीकार करते हैं, इसमें अंगूठा दिखाने या विक्ट्री साइन बनाने जैसी कोई बात नहीं है। एक दशकों से लंबित मामला था जिस पर फैसला आया है। अदालत के फैसले से साफ है कि गलत तरीके से लोगों को फंसाने की कोशिश की गई। संत का काम द्वेष फैलाने का नहीं होता है। उस दिन वहां जो कुछ हुआ था वो हर एक के लिए अप्रत्याशित था। कोई नहीं चाहता थी कि इस तरह का दृश्य सामने आए।