- बाबरी विध्वंस मामले में सीबीआई की विशेष अदालत ने सुनाया अपना फैसला
- कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि साजिश के तहत नहीं गिराई गई बाबरी मस्जिद
- ओवैसी ने कोर्ट के फैसले पर निराशा जताई, कहा-मामले में न्याय होना चाहिए था
नई दिल्ली : बाबरी मस्जिद विध्वंस केस में सीबीआई की विशेष अदालत के फैसले पर ऑल इंडिया मजलिस ए इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने निराशा जाहिर की। ओवैसी ने बुधवार को कहा कि विशेष अदालत के फैसले के खिलाफ यदि सीबीआई अपील नहीं करती है तो ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (एआईएमपीएलबी) इसे कोर्ट में लेकर जाएगा। एआईएमआईएम नेता ने पूछा कि आखिर मस्जिद किसने तोड़ी? बता दें कि सीबीआई की विशेष अदालत ने अपने फैसले में इस केस के सभी 32 आरोपियों को बरी कर दिया। कोर्ट ने कहा कि आरोपियों के खिलाफ लगाए गए आरोप साबित नहीं हुए। मस्जिद साजिश के तहत नहीं तोड़ी गई बल्कि वहां उग्र हुई भीड़ ने विध्वंस को अंजाम दिया।
कोर्ट ने कहा कि अभियोजन पक्ष ने आरोपियों के खिलाफ जो सबूत पेश किए हैं, वे आरोपियों को दोषी ठहराने के लिए पर्याप्त नहीं हैं और जो साक्ष्य पेश किए गए हैं, उनके साथ छेड़छाड़ हुई है।
ओवैसी बोले-यह न्याय का मसला है
मीडियाकर्मियों को संबोधित करते हुए ओवैसी ने कहा, 'यह न्याय का मसला है। यह न्याय सुनिश्चित करने का मामला है कि बाबरी मस्जिद के विध्वंस के लिए जो लोग जिम्मेदार हैं, उन्हें दोषी ठहराया जाए। लेकिन इन लोगों को बीते समय में गृह मंत्री और मानव संसाधन विकास मंत्री बनाकर इनाम दिया गया है।' उन्होंने कहा, 'यह भारतीय न्यायपालिका के इतिहास में एक दुखद दिन है। कोर्ट का कहना है कि कोई साजिश नहीं हुई तो मुझे जरा बताएं कि साजिश रचने के लिए कितने दिनों की जरूरत होती है।'
कोर्ट के फैसले पर असहमति जताते हुए ओवैसी ने कहा, 'सीबीआई की विशेष अदालत का यह फैसला भारतीय न्यायपालिका के लिए एक काला दिन है।' वहीं, इस फैसले का स्वागत करते हुए शिवसेना नेता संजय राउत ने कहा कि कोर्ट ने कहा है कि बाबरी मस्जित साजिश के तहत नहीं गिराई गई बल्कि यह उसका विध्वंस अचानक हुआ। यह फैसला अपेक्षित था।
उन्होंने कहा, 'हमें यह प्रकरण अवश्य भूल जाना चाहिए। बाबरी मस्जिद यदि नहीं गिराई गई होती तो हम अयोध्या में राम मंदिर के लिए भूमि पूजन नहीं देख पाते। मैं और शिवसेना कोर्ट के फैसले का स्वागत करते हैं। हम अडवाणी जी, मुरली मनोहर जी और उमा भारती जी और इस केस में जो लोग बरी हुए हैं उनको धन्यवाद देते हैं।'
गौरतलब है कि बाबरी मस्जिद विध्वंस केस में सीबीआई की विशेष अदालत ने बुधवार को अपना फैसला सुनाया। कोर्ट ने मामले में लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी और उमा भारती सहित सभी 32 आरोपियों को सबूतों के अभाव में बरी कर दिया।