- प्रिंस याकूब हबीबुद्दीन तूसी बोले- कोर्ट में चल रहा मामला आस्था का नहीं, जमीन के मालिकाना हक का है
- अयोध्या की जमीन बाबर की है और अगर हमारे पक्ष में फैसला आया तो हम इसे राम मंदिर के लिए देंगे: तूसी
- कहा- अगर मंदिर मुगलों ने गिराया तो माफी चाहते हैं, दोबारा निर्माण के लिए सोने की ईट देंगे
Babur descendant Prince Yakub Habeebuddin Tucy: राम मंदिर को लेकर सुप्रीम कोर्ट में बुधवार को सुनवाई खत्म हो चुकी है और न्यायालय केस में फैसला अपने पास सुरक्षित रख लिया है। नवंबर महीने में फैसला आने की उम्मीद है। सुप्रीम कोर्ट ने राम जन्मभूमि बाबरी मस्जिद विवाद पर 40 दिन तक सुनवाई की थी। इस बीच बाबर के वंशज प्रिंस याकूब हबीबुद्दीन तूसी ने इस मामले में बयान दिया है। उनका कहना है कि यह मामला आस्था का नहीं बल्कि जमीन के मालिकाना हक से जुड़ा मामला है। उन्होंने यह भी कहा कि अगर फैसला उनके पक्ष में आया और जमीन उन्हें मिली तो वह जमीन पर राम मंदिर बनवाएंगे और निर्माण की नींव के लिए सोने की ईट देंगे।
याकूब हबीबुद्दीन तूसी ने करीब साढ़े तीन मिनट के वीडियो में कहा, 'सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि अयोध्या विवाद पर वह 23 दिन बाद फैसला सुनाएगा और हमें उम्मीद है कि कोर्ट हिंदुओं की आस्था को ध्यान में रखकर यह फैसला सुनाएगा। हमने सुप्रीम कोर्ट से कहा था कि वह बाबर की जमीन है और अगर वहां बना मंदिर मीर बाकी ने तुड़वाया है तो हमने हिंदुओं से माफी मांगने की बात भी कही थी। अगर कोर्ट के फैसले से वह बाबर की जमीन हमें मिलती है तो हम उस पर राम मंदिर बनवाएंगे।'
आगे उन्होंने कहा, 'यह मंदिर या मस्जिद का विवाद नहीं है बल्कि जमीन का विवाद है। जो भी लोग यहां पर कुछ करने के लिए कह रहे हैं तो उन्हें जान लेना चाहिए कि जमीन उनकी नहीं है। अगर जमीन हमारे पास आती है तो हम उसे राम मंदिर देने के लिए समर्पित करेंगे।' वीडियो में आप याकूब हबीबुद्दीन तूसी का पूरा बयान सुन सकते हैं।