- कोरोना वायरस से संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए योगी सरकार सक्रिय
- चुनौतियों से निपटने के लिए शुरू की गई सेवाओं पर खुद सीएम की है नजर
- यूपी में कोरोना वायरस से संक्रमण के अब तक 75 मामले सामने आए हैं
बरेली (उत्तर प्रदेश) : उत्तर प्रदेश के बरेली प्रशासन का असंवेदनशील रवैया सामने आया है। लॉकडाउन के दौरान यहां बाहरी राज्यों से पहुंचे लोगों को 'संक्रमण मुक्त' करने के लिए प्रशासन ने जो कदम उठाया है, उसकी आलोचना हो रही है। स्थानीय प्रशासन ने इन लोगों को सड़क पर बिठाकर उनके ऊपर केमिकल का छिड़काव कराया। बताया जा रहा है कि केमिकल का छिड़काव होने के बाद कई लोगों ने अपनी आंखों में जलन की शिकायत की है।
बता दें कि यूपी सरकार ने बाहरी राज्यों से आने वाले लोगों के लिए बस का इंतजाम किया है। इसी क्रम में कुछ लोग बसों से बरेली पहुंचे। इनमें महिलाएं और बच्चे भी शामिल हैं। लोगों के यहां पहुंचने पर प्रशासन ने उन्हें सड़क पर बिठाया। बताया गया कि कोरोना वायरस के संक्रमण को देखते हुए इनके ऊपर सोडियम हाइपोक्लोराइड रसायन का छिड़काव किया गया। छिड़काव होने के बाद इनमें से कई लोगों ने अपनी आंखों में जलन होने की शिकायत की है। इस घटना के बारे में जिला प्रशासन की तरफ से अभी कोई प्रतिक्रिया नहीं मिल सकी है। वहीं स्थानीय लोगों ने इस पर रोष जाहिर किया है।
देश में लॉकडाउन की घोषणा होने के बाद बड़ी संख्या में लोग अपने गृह राज्य यूपी पहुंचे हैं। कोरोना वायरस से संक्रमण को रोकने के लिए योगी सरकार लगातार एहतियाती कदम उठा रही है। लॉकडाउन के दौरान लोगों को किसी तरह की परेशानी न हो, इसे सुनिश्चित करने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ खुद सक्रिय हैं। लोगों तक सेवाएं पहुंचाने एवं कोरोना वायरस से उत्पन्न विकट स्थितियों से निपटने के लिए मुख्यमंत्री आदित्यनाथ ने वरिष्ठ अधिकारियों की अगुवाई में 11 टीम बनाई है। लोगों को खाने-पीने की कोई दिक्कत न हो इसके लिए जिले स्तर पर सामुदायिक भोजनालय की स्थापना की गई है।
इस बीच, मुख्यमंत्री आदित्यनाथ ने महाराष्ट्र, हरियाणा, उत्तराखंड और दिल्ली के मुख्यमंत्रियों से बात कर यूपी के लोगों के रहने एवं खाने का प्रबंध करने का अनुरोध किया है। मुख्यमंत्री ने यहां तक कहा कि अन्य राज्यों में फंसे अपने लोगों का खर्च उनकी सरकार उठाएगी। उत्तर प्रदेश में कोरोना वायरस से संक्रमण के अब तक 75 मामले सामने आए हैं। इनमें से 11 लोग उपचार के बाद ठीक हुए हैं। राज्य में वायरस के संक्रमण से एक भी मौत नहीं हुई है।