- देश में चार करोड़ से अधिक लंबित केस- रीजीजू
- 'लंबित केसों के निस्तारण में कार्यपालिका और न्यायपालिका में बेहतर समन्वय जरूरी'
- 'न्यापालिका और कार्यापालिका एक दूसरे के खिलाफ नहीं जा सकते'
Times Now Summit 2021 में कानून मंत्री किरेन रीजीजू ने कहा कि न्यायपालिका और कार्यपालिका के बीच बेहतर समन्वय स्थापित हो उस पर विशेष तौर पर काम करने की आवश्यकता है। देश में आज चार करोड़ से ज्यादा लंबित मामले हैं, जो अलग-अलग अदालतों में लंबित है। लंबित मामलों को फैसलों तक लेकर जाने की जरूरत है। इसके लिए न्यायपालिका और कार्यपालिका दोनों को मिलकर काम करना होगा। उन्होंने कहा कि इस समय सबसे बड़ी चुनौती अदालत में जजों की नियुक्ति को लेकर है और इस मुद्दे पर सरकार गंभीर है।
'न्यायिक व्यवस्था में सुधार बड़ा मकसद'
जब उनसे पूछा गया कि हाल ही में सीजेआई ने उनकी तारीफ की तो किरेन रीजीजू ने कहा यह कोई बड़ी बात नहीं है। वो समय-समय पर सुप्रीम कोर्ट, हाई कोर्ट और निचली अदालतों के जजों से मिलते रहे हैं। उनकी कोशिश है कि व्यवस्था इस तरह की हो ताकि लंबित मामलों का निपटारा जल्द हो सके। देश की न्यायिक व्यवस्था में सुधार के लिए मौजूदा सरकार की तरफ से कई तरह के कदम उठाए गए हैं।
'आधारभूत ढांचा मजबूत बनाने की जरूरत'
कानून मंत्री ने कहा कि न्यायपालिका और कार्यपालिका को आम तौर पर एक दूसरे के बीच टकराव के लिए जाना जाता है। लेकिन न्यायालयों के सामने किस तरह की दिक्कत है उसे समझने की जरूरत है। उनकी कोशिश है कि कार्यपालिका जिस सीमा तक न्यायपालिका को सहयोग कर सकती है, उन्हें करना चाहिए। यह बात सही है कि देश में न्यायालयों के पास बुनियादी ढांचे की कमी है लेकिन उसे दूर करने की जिम्मेदारी से हम नहीं भाग सकते हैं। मौजूदा सरकार में आधारभूत ढांचा को मजबूत करने की दिशा में आगे बढ़ा जा रहा है।