नई दिल्ली: पंजाब की तरह छत्तीसगढ़ में भी कांग्रेस में घमासान मचा हुआ है। यहां मुख्यमंत्री बदलने को लेकर बवाल मचा हुआ है। अब मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा है कि जब तक पार्टी हाईकमान का आदेश है, वो तब तक मुख्यमंत्री बने रहेंगे। उन्होंने कहा कि ढाई साल का राग अलापने वाले सफल नहीं होंगे।
बघेल ने कहा, 'मैंने पहले भी कहा था कि उनका (सोनिया गांधी और राहुल गांधी) जब तक आदेश है मैं इस (मुख्यमंत्री) पद पर हूं। जब वो कहेंगे इस पद का त्याग कर दूंगा। जो ढाई साल-ढाई साल का राग अलाप रहे हैं वो राजनीतिक अस्थिरता लाने की कोशिश कर रहे हैं लेकिन वो कभी सफल नहीं होंगे।'
इससे पहले कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने मंगलवार को भूपेश बघेल और राज्य के स्वास्थ्य मंत्री टी एस सिंहदेव के साथ बैठक कर दोनों के बीच सुलह का प्रयास किया। सूत्रों के मुताबिक, यह बैठक करीब तीन घंटे तक चली और कांग्रेस आलाकमान की तरफ से मुख्यमंत्री बदलने को लेकर संकेत नहीं दिया गया। बैठक के बाद कांग्रेस प्रभारी पीएल पुनिया ने इस बात से इनकार किया कि इस बैठक में नेतृत्व परिवर्तन को लेकर कोई चर्चा हुई। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ के सभी संभागों के विकास पर चर्चा हुई। हालांकि सूत्रों का कहना है कि यह बैठक दोनों नेताओं के बीच सुलह की कोशिश के तहत बुलाई गई थी और मुख्य रूप से इसी पर केंद्रित भी थी। सूत्रों ने बताया कि राहुल गांधी ने बघेल और सिंहदेव से अलग-अलग भी मुलाकात की और आगे दोनों नेताओं के साथ केसी वेणुगोपाल एवं पुनिया समन्वय रखेंगे।
उल्लेखनीय है कि छत्तीसगढ़ में दिसंबर, 2018 में कांग्रेस की सरकार बनने के बाद से मुख्यमंत्री बघेल और स्वास्थ्य मंत्री सिंहदेव के बीच रिश्ते सहज नहीं रहे। सिंहदेव के समर्थकों का कहना है कि ढाई-ढाई साल के लिए मुख्यमंत्री को लेकर सहमति बनी थी और ऐसे में अब सिंहदेव को मुख्यमंत्री बनाया जाना चाहिए, हालांकि कांग्रेस आलाकमान के फिलहाल के रुख से यह संभव दिखाई नहीं देता है।