- टीएस सिंहदेव गुट ने ढाई-ढाई साल सीएम रहने के फॉर्मूले पर दबाव बढ़ा दिया है
- कांग्रेस के 13 विधायक दिल्ली पहुंचे हैं, प्रदेश प्रभारी पुनिया से मिलेंगे ये एमएलए
- सीएम बघेल का कहना है कि पार्टी आलाकमान के कहने पर वह अपना पद छोड़ेंगे
नई दिल्ली : पंजाब संकट के बीच छत्तीसगढ़ में भी कांग्रेस के लिए मुश्किलें बढ़ गई हैं। बताया जा रहा है कि छत्तीसगढ़ से कांग्रेस के करीब 13 विधायक दिल्ली पहुंचे हैं। ये विधायक आलाकमान को ये संदेश देना चाहते हैं कि राज्य में भूपेश बघेल के नेतृत्व में सरकार अच्छा काम कर रही है। ये विधायक राज्य के प्रभारी पीएल पुनिया से मिलने वाले हैं। सूत्रों का कहना है कि ये विधायक राहुल गांधी से भी मिल सकते हैं।
ढाई-ढाई साल सीएम रहने के फॉर्मूले पर बनाया दबाव
दिल्ली पहुंचे कांग्रेस विधायक बृहस्पति सिंह ने कहा कि हमलोग छत्तीसगढ़ के प्रभारी पीएल पुनिया जी से मिलने के लिए आए हैं। हमने पिछली बार पुनिया जी के माध्यम से अपनी बात राहुल गांधी तक पहुंचाई थी। जाहिर है कि ढाई-ढाई साल सीएम रहने के फॉर्मूले को अमल में लाने के लिए टीएस सिंहदेव ने अपने प्रयास तेज कर दिए हैं। उन्होंने कहा है कि नेतृत्व परिवर्तन की बात जो पहले छिपी हुई थी, वह अब खुलकर सामने आ गई है। हो सकता है कि विधायक अपनी बात रखने के लिए दिल्ली गए हों।
फिर उभर आया है विवाद
नेतृत्व परिवर्तन पर छत्तीसगढ़ में विवाद बढ़ने पर कांग्रेस आलाकमान ने कुछ दिनों पहले मुख्यमंत्री भूपेंद्र बघेल और टीएस सिंहदेव दोनों गुटों को दिल्ली बुलाया था। उस वक्त मामले को किसी तरह से संभाला गया लेकिन लगता है कि यह विवाद पूरी तरह से खत्म नहीं हुआ। सियासी गलियारे में चर्चा है कि दिसंबर 2018 में जब बघेल राज्य के सीएम बने तो ढाई-ढाई साल के फॉर्मूले पर सहमति बनी थी। यह तय हुआ था कि ढाई साल के बाद टीएस सिंहदेव सीएम पद की कमान संभालेंगे।
आलाकमान के कहने पर पद छोड़ दूंगा-बघेल
सीएम बघेल का कहना है कि सोनिया गांधी एवं राहुल गांधी ने उन्हें राज्य सरकार को चलाने की जिम्मेदारी सौंपी है। उनके कहने पर वह सीएम पद छोड़ देंगे। बघेल का कहना है कि नेतृत्व परिवर्तन की बात जो लोग कर रहे हैं वे राज्य में राजनीतिक अस्थिरता लाना चाहते हैं।