टी 20 विश्व कप मुकाबले में भारत-पाकिस्तान के मैच के बाद एक फेक नैरेटिव सेट करने की कोशिश की गई। ये नैरेटिव पाकिस्तान सेट करना चाहता है, जिसमें एक टूलकिट के जरिये मो. शमी पर निशाना भी पाकिस्तान से साधा गया और उसे सोशल मीडिया पर ट्रोल कराया गया, जबकि भारत में शमी को नहीं बल्कि अपनी क्रिकेट टीम के प्लेयर्स पर लोगों का गुस्सा था। चाहे वो विराट कोहली हों, चाहे वो रोहित शर्मा हों या मो. शमी हों।
पाकिस्तान की ओर से कई फर्जी अकाउंट से ट्वीट हुए। इन ट्वीट्स के जरिए नफरत फैलाई गई। हद तो तब हो गई जब पाकिस्तान की ट्रोलिंग वाली साजिश को भारत में भी हवा दी गई। पाकिस्तान की ओर से फर्जी ट्वीट की सत्यता की जांच किए बिना कुछ लोग सोशल मीडिया पर शुरू हो गए। पाकिस्तानी टूलकिट के जरिए देश में हिंदू-मुसलमान करने की कोशिश हुई। शमी के बहाने देश में नफरत का माहौल बनाया गया।
फैजी ग्राम नाम के एक इंस्टाग्राम अकाउंट से मोहम्मद शमी की इंस्टा पोस्ट पर एक कमेंट किया गया, जिसमें लिखा था- 'मेजर मोहम्मद शमी ISI एजेंट।' जब इसकी पड़ताल की गई तो पता चला कि ये किसी फैज रसूल सियाल का इंस्टाग्राम अकाउंट है जो खुद को एक वकील और पाकिस्तानी बताता है। इसी तरह मोहम्मद कामरान नामक एक व्यक्ति ने अपने ट्विटर हैंडल पर लिखा, 'वेल डन ISI एजेंट मोहम्मद शमी। हमें आप पर गर्व है।'
इसके प्रोफाइल में लिखा है कि ये पाकिस्तान के कराची में रहता है। इसके ट्विटर पर सिर्फ 164 फॉलोअर्स हैं। वहीं सुगर काका नाम के एक ट्विटर हैंडल से लिखा गया, 'शमी अब बस मुसलमान होने का सबूत दें।' ये व्यक्ति भी पाकिस्तान के इस्लामाबाद शहर में रहता है। पाकिस्तानी न्यूज चैनल समा टीवी के लिए काम करने वाले एक पत्रकार ने लिखा- शमी, 'पाकिस्तान की तरफ से खेल रहे हैं।'
पाकिस्तान बेस्ड ट्वीटर हैंडल अलीत्जा से इसे फैलाया गया। इस ट्विटर हैंडल के महज 15 फॉलोअर्स है। एजेंडा फैलाने के बाद इस ट्विटर हैंडल को बंद कर दिया गया। पाकिस्तान स्ट्रैटेजिक फोरम की ओर से ट्वीट किया गया और शमी को एजेंट कहा गया है। साफ है शमी के नाम पर टूलकिट चलाकर साजिश रचने में पाकिस्तान की एजेंसियां भी शामिल थी। पाकिस्तान से ही मनाल नाम के अकाउंट से लिखा है, शमी को अब भारत की टीम से खेलना बंद करना चाहिए।
पाकिस्तान के विकेटकीपर बल्लेबाज मोहम्मद रिजवान को भारत के खिलाफ मैच के दौरान ड्रिंक्स ब्रेक के बीच ग्राउंड पर नमाज अदा करते देखा गया था, पाकिस्तान के पूर्व क्रिकेटर और बॉलिंग कोच वकार यूनिस ने इसको लेकर कहा था कि हिन्दुओं के बीच मैदान पर रिजवान का नमाज अदा करना बहुत खास था। वकार यूनिस के इस बयान पर हंगामा मच गया। तमाम क्रिकेटर्स ने वकार यूनिस की इस तरह की टिप्पणी की आलोचना की ...वकार के बयान को शर्मनाक बताया। तमाम आलोचनाओं के बाद वकार ने अब इसके लिए माफी मांगी है।
पाकिस्तान की ओर से ही नहीं, भारत में भी इस मसले पर ट्वीटर पर बाढ़ आ गई। बिना पाकिस्तान के फर्जी ट्वीट की जांच के बिना शमी को लेकर हिंदू-मुसलमान शुरू हो गया। इस मसले पर राहुल गांधी, उमर अब्दुल्ला, असदुद्दीन ओवैसी तक ने ट्वीट किया। कई लोगों ने तो इस ट्रोलिंग की सच्चाई को जाने बिना सोचे समझे सीधे इस ट्रोलिंग पर आर्टिकल लिख दिए। भारत को नफरत फैलाने और नस्ली भेदभाव करने की बात लिख डाली। इतना ही नहीं पाकिस्तान के एजेंडे के जाल में कई पूर्व क्रिकेटर भी फंस गए। उन्होंने भी ट्वीट कर शमी का समर्थन किया। ऐसे में सवाल है :
पाकिस्तानी एजेंडा के इंडियन एजेंट कौन-कौन?
मोदी विरोध में पाकिस्तानी साजिश भी मंजूर?
शमी के नाम पर फूट डालने की साजिश?
नफरत फैलाने वालों के लिए क्रिकेट भी टूलकिट?
आतंक फैलाने में 'फेल' तो टूलकिट से 'खेल'?