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Corona Vaccination: सबसे बड़े टीकाकरण कार्यक्रम की साक्षी बनेगी दुनिया, 16 जनवरी को पीएम मोदी करेंगे शुभारंभ

Updated Jan 16, 2021 | 00:02 IST

शनिवार को दुनिया भारत के दम को देखेगी। कोरोना के खिलाफ सबसे बड़े टीकाकरण कार्यक्रम का शुभारंभ पीएम नरेंद्र मोदी वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए करेंगे। पहले चरण में हेल्थ वर्कर्स लाभान्वित होंगे।

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मुख्य बातें
  • 16 जनवरी को सुबह 10.30 बजे कोरोना वैक्सीनेशन का पीएम नरेंद्र मोदी वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए करेंगे शुभारंभ
  • पहले चरण में हेल्थवर्कर्स को लगाया जाएगा टीका, सभी तैयारियां पूरी
  • कोविशील्ड और कोवैक्सीन के इमरजेंसी इस्तेमाल की दी गई है इजाजत

नई दिल्ली। शनिवार का हर किसी को बेसब्री से इंतजार है,आखिर हो भी क्यों नहीं। कोरोना के खिलाफ मुहिम में भारत टीकाकरण के बड़े कार्यक्रम की शुरुआत करने जा रहा है। देश ऐतिहासिक क्षण का गवाह बनने के लिए तैयार है।  वायरस से निजात पाने के लिए लोग बेसब्री से वैक्सीन का इंतजार कर रहे हैं। वैक्सीनेशन के पहले स्वास्थ्य मंत्री डॉ हर्षवर्धन ने तैयारियों का जायजा लिया और देश को भरोसा दिया कि किसी को हैरान और परेशान होने की आवश्यकता नहीं। दोनों वैक्सीन कोविशील्ड और कोवैक्सीन पूरी तरह सुरक्षित है। इसके साथ ही एक बार फिर उन्होंने अपील करते हुए कहा कि लोग अफवाहों पर ध्यान न दें। 

वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए टीकाकरण का शुभारंभ
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शनिवार की सुबह 10:30 बजे दुनिया के सबसे बड़े टीकाकरण कार्यक्रम का शुभारंभ करेंगे। कोरोना वैक्सीन प्राथमिकता के आधार पर दी जाएगी। शुरूआत में लगभग तीन लाख स्वास्थ्यकर्मियों और फ्रंटलाइन वर्कर्स को देश भर में स्थापित 3,006 से अधिक टीकाकरण स्थलों पर वैक्सीन प्रदान की जाएगी। प्रत्येक स्थल पर लगभग 100 लाभार्थियों को टीका लगाया जाएगा।

प्राथमिकता में स्वास्थ्यकर्मी और फ्रंटलाइन वर्कर्स
वैक्सीन के लिए शुरूआत में स्वास्थ्यकर्मियों, फ्रंटलाइन वर्कर और 50 वर्ष से अधिक आयु के लोगों को प्राथमिकता दी गई है। इसके अलावा गंभीर बीमारी से ग्रस्त लोगों को भी शुरूआती चरण में वैक्सीन दी जाएगी। अंत में वैक्सीन की उपलब्धता के आधार पर शेष आबादी को वैक्सीन दी जाएगी।प्राथमिकता वाले समूहों की पहचान करते हुए, चरणबद्ध तरीके से टीकाकरण अभियान की योजना बनाई गई है। एकीकृत बाल विकास सेवा (आईसीडीएस) श्रमिकों सहित सरकारी और निजी दोनों क्षेत्रों में हेल्थकेयर श्रमिकों को पहले चरण में वैक्सीन दी जाएगी।


कोविशील्ड और कोवैक्सीन लगाने की मंजूरी
भारत के सीरम इंस्टीट्यूट द्वारा निर्मित ऑक्सफोर्ड कोविड वैक्सीन कोविशिल्ड और भारत बायोटेक द्वारा स्वदेशी रूप से विकसित कोवैक्सीन शुरूआती चरण में प्राथमिकता वाले समूहों को दी जाएगी।अब तक केंद्र सरकार ने क्रमश: 200 रुपये और 206 रुपये प्रति खुराक की लागत पर 1.1 करोड़ कोविशिल्ड और 55 लाख कोवैक्सीन के टीके खरीदे हैं।इससे पहले शुक्रवार को केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने कहा कि कोविड-19 के खिलाफ अपनी आबादी का टीकाकरण करने के लिए भारत का अभ्यास दुनिया का सबसे बड़ा टीकाकरण अभियान होगा। मंत्री ने दोहराया कि दोनों स्वदेश निर्मित टीके सुरक्षित साबित हुए हैं।


कोविन ऐप के जरिए निगरानी
कोविड-19 वैक्सीन इंटेलिजेंस नेटवर्क (को-विन) प्रणाली का उपयोग किया जाएगा, जो कि एक डिजिटल प्लेटफॉर्म है और इसका उपयोग वास्तविक समय के आधार पर सूचीबद्ध लाभार्थियों को ट्रैक करने के लिए किया जाएगा। प्रधानमंत्री मोदी शनिवार को ऐप लॉन्च करेंगे।यह प्लेटफॉर्म राष्ट्रीय और राज्य प्रशासकों को लिंग एवं आयु आदि के अनुसार लाभार्थियों के डेटा को देखने और इसे छांटने में सक्षम बनाता है।


प्रेग्नेंट औरतें टीकाकरण कार्यक्रम से बाहर
खास बात यह है कि अभियान के दौरान केवल 18 वर्ष से ऊपर के लोगों को ही टीका लगाया जाएगा। गर्भवती महिलाओं या जो अपनी गर्भावस्था को लेकर सुनिश्चित नहीं हैं, उन्हें टीका नहीं लगवाने की सलाह दी गई है।कोविशिल्ड वैक्सीन के हल्के प्रतिकूल प्रभाव बताए गए हैं, जिसमें व्यक्ति को सिरदर्द, थकान, मांसपेशियों में दर्द और कमजोरी महसूस हो सकती है। स्वास्थ्य मंत्री डॉ हर्षवर्धन पहले ही बता चुके हैं कि जिस तरह से अफवाह फैलाने की कोशिश की गई उसके प्रभाव में कोई ना आए। इसके साथ यह भी बताया कि इस टीके से बांझपन या नपुंसकता का खतरा नहीं है। 

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