- महाराष्ट्र, एमपी, केरल में डेल्टा प्लस स्वरूप के 22 मामले सामने आए: सरकार
- सरकार ने इसे चिंताजनक स्वरूप में वर्गीकृत किया गया है
- भारत सहित नौ देशों में डेल्टा प्लस स्वरूप का पता चला है
नई दिल्ली: सरकार ने बताया है कि INSACOG (इंडियन SARS-CoV-2 जीनोमिक कंसोर्टिया) के हालिया निष्कर्षों के आधार पर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने महाराष्ट्र, केरल और मध्य प्रदेश को डेल्टा प्लस वेरिएंट के बारे में सतर्क किया है और उन्हें सलाह दी है। इन राज्यों के कुछ जिलों में कोविड 19 का डेल्टा प्लस वेरिएंट पाया गया है।
केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव ने इन 3 राज्यों को सूचित किया है कि यह प्रकार महाराष्ट्र के रत्नागिरी और जलगांव जिलों के जीनोम अनुक्रमित नमूनों में पाया गया है; केरल के पलक्कड़ और पठानमथिट्टा जिले; और मध्य प्रदेश के भोपाल और शिवपुरी जिले में पाया गया है। मंत्रालय ने महाराष्ट्र, केरल और मध्य प्रदेश को सलाह दी है कि सार्वजनिक हेल्थ रिस्पॉन्स उपायों को व्यापक रूप से वही रखा जाए जो उनके द्वारा पहले लागू किए गए थे और उन्हें अधिक केंद्रित और प्रभावी बनाना होगा।
राज्यों के मुख्य सचिवों को सलाह दी गई है कि वे जिलों और क्लस्टर्स में तत्काल रोकथाम के उपाय करें (जैसा कि INSACOG द्वारा पहचाना गया है) जिसमें भीड़ को रोकना और लोगों को आपस में मिलाना, व्यापक परीक्षण, तेज ट्रेसिंग और साथ ही प्राथमिकता के आधार पर वैक्सीन कवरेज शामिल है।
सरकार ने कहा है कि भारत में अब तक कोरोना वायरस के 'डेल्टा प्लस वैरिएंट' के 22 मामलों का पता चला है। डेल्टा प्लस वैरिएंट के 22 मामलों में से महाराष्ट्र के रत्नागिरि, जलगांव से 16 और मध्य प्रदेश तथा केरल से शेष मामले सामने आए हैं। आज प्रेस कॉन्फ्रेंस में स्वास्थ्य सचिव ने डेल्टा प्लस को 'वेरिएंट ऑफ इंटरेस्ट' के रूप में लेबल किया। बाद में मंत्रालय ने इसे वेरिएंट ऑफ कंसर्न बताया।