भारत ने 100 करोड़ वैक्सीन लगाने के साथ ही कीर्तिमान बना दिया है। आज से करीब 9 महीने पहले वैक्सीनेशन अभियान की शुरुआत की गई थी। 16 जनवरी को हेल्थ वर्कर को पहली डोज लगाई गई थी। इसके बाद भारत ने एक के बाद एक रिकॉर्ड बनाए और आज देश ने 100 करोड़ का आंकड़ा पार कर लिया। 125 करोड़ से ज्यादा जनसंख्या वाले देश में करीब आधी आबादी को कोरोना वैक्सीन की एक डोज लग चुकी है, जो अपने आप में एक उपलब्धि है।
प्रधानमंत्री आज जब राम मनोहर लोहिया अस्पताल पहुंचे तो उन्होंने डॉक्टर और नर्सों के साथ साथ हेल्थवर्कर्स से भी बात की। 100 करोड़वीं डोज लेने वाले अरुण राय से पीएम मोदी ने बातचीत की। उन्होंने इस उपलब्धि को देश के प्रत्येक नागरिक की उपलब्धि करार दिया और सभी का खुले मन से आभार जताया। दिल्ली के राम मनोहर लोहिया अस्पताल में छवि ने भी आज वैक्सीन लगवाई। इस दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने छवि से बात की। छवि को तो पता भी नहीं था कि पीएम मोदी आने वाले हैं। वो पीएम मोदी से मिल कर बेहद खुश हुई। छवि ने देशभक्ति का गाना भी गुनगुनाया। पीएम मोदी ने राम मनोहर लोहिया अस्पताल में मौजूद एक सुरक्षा गार्ड से बात की और उनका हालचाल लिया।
100 करोड़ वैक्सीनेशन का टारगेट पूरा करने में सबसे बड़ा योगदान उन हेल्थ वर्कर्स का रहा, जो दुर्गम और मुश्किल जगहों पर पहुंचे, इसके लिए उन्हें पहाड़ चढ़ने पड़े, उन्होंने नदियां पार कीं, नाव के जरिए भी वैक्सीन लगाने पहुंचे और समंदर के बीच टापूओं तक भी पहुंचे, ताकि हर किसी को वैक्सीन लगाई जा सके। तो इन हेल्थ वर्कर्स को सलाम, जो कठिनाओं के आगे झुके नहीं, बल्कि उन्हें पार किया और ये सुनिश्चित किया कि हर भारतीय को वैक्सीन लगे और वो कोरोना से सुरक्षित हो सके।
देश में वैक्सीनेशन की प्रक्रिया पहली बार 16 जनवरी को शुरू हुई थी। उस दिन दिल्ली एम्स में पहली वैक्सीन फ्रंटलाइन वर्कर मनीष कुमार ने लगवाई थी और आज 21 अक्टूबर को 100 करोड़वीं डोज अरुण राय ने लगवाई। पीएम मोदी ने उनसे बातचीत की।
देश में कोविड-19 टीकाकरण अभियान पर एक नजर डालें तो भारत को 100 करोड़ वैक्सीनेशन का आंकड़ा पार करने में 279 दिन लगे। डॉक्टर्स, नर्स, स्वास्थ्यकर्मियों ने इस मौके को कैसे सेलिब्रेट किया? किन चुनौतियों से गुजरते हुए उन्होंने ये सफलता हासिल की? सुनिये क्या कहते हैं फ्रंटलाइन वर्कर्स? देखिये पूरी रिपोर्ट।