- योगेंद्र यादव को संयुक्त किसान मोर्चा ने किया एक महीने के लिए निलंबित
- लखीमपुर खीरी हिंसा मामले में मारे गए बीजेपी कार्यकर्ता के घर जाने के कारण हुई कार्रवाई
नई दिल्ली: किसान आंदोलन से बड़ी खबर आयी है। किसान आंदोलन में शामिल एक संगठन की अगुवाई कर रहे योगेंद्र यादव को संयुक्त किसान मोर्चा ने 1 महीने के लिए निलंबित कर दिया। लखीमपुर खीरी हिंसा में मारे गए बीजेपी कार्यकर्ता शुभम मिश्रा के घर जाने और बयान देने पर किसान संगठनों ने नाराजगी जताई थी। जिसके बाद आज सिंघु बॉर्डर पर हुई बैठक में योगेंद्र यादव को संयुक्त किसान मोर्चे की 9 सदस्यीय समिति और एसकेएम से बाहर कर दिया गया। सूत्रों से पुख्ता जानकारी मिली कि योगेंद्र यादव ने बैठक के दौरान माफी भी मांगी हालांकि किसान नेता चाहते हैं कि योगेंद्र यादव सार्वजनिक रूप से भी माफी मांगे।
लखीमपुर गए थे याेंगेंद्र यादव
लखीमपुर में हुई हिंसा में मारे गए किसानों की अंतिम अरदास में शामिल होने के लिए योगेंद्र यादव भी लखीमपुर खीरी गए थे। अंतिम अरदास के बाद योगेंद्र यादव हिंसा में मारे गए बीजेपी के कार्यकर्ता शुभम मिश्रा के घर भी गए थे। मृतक के परिवार वालों से संवेदना जताने के बाद योगेंद्र यादव ने एक ट्वीट भी किया था जिसमें उन्होंने भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत के एक्शन पर रिएक्शन वाले बयान का जिक्र किया था। योगेंद्र यादव ने ट्वीट करते हुए लिखा था मारे गए बीजेपी कार्यकर्ता के पिता के शब्द उनके कानों में गूंज रहे हैं।
योगेंद्र यादव ने न सिर्फ ट्वीट किया बल्कि एक न्यूज़ पोर्टल में लेख भी लिखा था जिसके कंटेंट पर भी किसान संगठनों की नाराजगी थी। सूत्रों के मुताबिक किसान संगठनों ने योगेंद्र यादव के बयान को संयुक्त मोर्चे के खिलाफ माना। एक महीने बाद भी योगेंद्र यादव की संयुक्त किसान मोर्चे में वापसी का फैसला मिलकर ही होगा। उनके आचरण को देखा जाएगा।
किसान नेता ने कही ये बात
टाइम्स नाउ नवभारत से बातचीत में किसान नेता हिम्मत सिंह ने बताया, 'योगेंद्र यादव ने मीटिंग में कहा कि वो व्यक्तिगत रूप से बीजेपी कार्यकर्ता के घर गए थे, जिस पर आपत्ति जताते हुए किसान नेताओं ने कहा कि वो किसानों के नेता हैं, अगर आपको व्यक्तिगत रूप से काम करना है तो वो मोर्चा छोड़ सकते हैं। इसके बाद योगेंद्र यादव ने माफी मांगी कि उन्होंने बीजेपी कार्यकर्ता के घर जाने से पहले एसकेएम की कमिटी से सलाह मशविरा भी नहीं किया। किसान नेता हिम्मत सिंह गुर्जर ने कहा कि राकेश टिकैत ने एक्शन के रिएक्शन का बयान इसलिए दिया क्योंकि शांतिपूर्ण आंदोलन कर रहे किसानों पर गाड़ी चढ़ाई गयी, किसान मरे और उसके बाद हिंसा हुई जो गाड़ी चढ़ाने की प्रतिक्रिया थी। लेकिन योगेंद्र यादव की बातों से ऐसा लगा जैसे कि गलती किसानों की ही रही हो।