नई दिल्ली : दिल्ली के जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (JNU) में आतंकवाद रोधी पाठ्यक्रम (Counter terrorism course) शुरू करने का फैसला लिया गया है, जिस पर शिक्षकों और छात्रों के एक गुट का विरोध है। यह कोर्स खास तौर पर इंजीनियरिंग के स्टूडेंट्स के लिए तैयार किया गया है, जिसे एग्जक्यूटिव काउंसिल (Executive Council) ने पास कर दिया है। इसे लेकर विवाद उसी दिन शुरू हो गया था, जब 17 अगस्त को जेएनयू की एकेडमिक काउंसिल की बैठक में इस कोर्स को मंजूरी दी गई थी। अब जब एग्जक्यूटिव काउंसिल ने भी इसे पढ़ाने का फैसला लिया तो इस पर विवाद और गहरा गया है।
JNU के प्रोफेसर और स्टूडेंट्स के एक वर्ग ने विश्वविद्यालय में काउंटर टेररिज्म कोर्स शुरू करने पर आपत्ति जताई है तो शिक्षकों और छात्र-छात्राओं का एक वर्ग इस कोर्स का समर्थन भी कर रहा है। इस कोर्स का विरोध करने वालों का कहना है कि ये कोर्स जेहादी आतंकवाद और कट्टरपंथी-धार्मिक आतंकवाद का एक स्वरूप है। इसे नफरत को बढ़ावा देने वाला कोर्स करार देते हुए उनका यह भी कहना है कि यह किसी विशेष संगठन के विचारों से प्रेरित है।
जेएनयू में काउंटर टेररिज्म कोर्स का विरोध अब विश्वविद्यालय परिसार से निकलकर राजनीति के अखाड़े तक पहुंच गया है और CPI से राज्यसभा सांसद बिनॉय विश्वम ने इस मसले पर केन्द्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान को पत्र भी लिखा है, जिसमें कहा गया कि ये बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण है कि उच्च शिक्षा को ऐसे मंच के रूप में इस्तेमाल किया जा रहा है अधूरे सच और गलत जानकारियों के माध्यम से भू-राजनीतिक विषयों का राजनीतिककरण किया जा रहा है और उन्हें सांप्रदायिक रूप दिया जा रहा है।
इस मसले पर विवाद के बीच टाइम्स नाउ नवभारत की कंसल्टिंग एडिटर पद्मजा जोशी ने इसे लेकर जेएनयू के प्रोफेसर धनंजय सिंह, असिस्टेंट प्रोफेसर अंशू जोशी से विस्तृत बातचीत की और सवालों के जरिये मसले को समझने की कोशिश की।
1) क्या Counter terrorism का कोर्स सिर्फ जेहादी आतंकवाद पर आधारित है? क्योंकि इसकी ऐसी छवि बनाई जा रही है जैसे कि इस्लाम पर हमला किया जा रहा है?
2) आप किस और तरह के आतंकवाद की बात कर रही हैं- क्या खालिस्तानी आतंकवाद या LTTE के बारे में पढ़ाया जा रहा है?
3) इस्लामी आतंकवाद के आलावा और किस धर्म विशेष के आतंकवाद के बारे में पढ़ा रहे हैं?
4) खालिस्तानी आतंकवाद भी तो धर्म आधारित है?
5) कोई सुझाव या सलाह ली गई...अगर हां तो किस लेवल पर?
6) लोग इस बात पर खफा है कि जेहादी आतंकवाद जैसे शब्दों का इस्तेमाल किया गया है, क्योंकि इन शब्दों से एक धर्म विशेष को टारगेट किया जा रहा है?
7) अक्सर कहा जाता है...सभी मुसलमान आतंकवादी नहीं होते...लेकिन सभी आतंकवादी मुसलमान होते हैं...क्या आपको नहीं लगता कि इस भरोसे को पुख्ता किया जा रहा है?
8) मैंने कोर्स को जितना समझा है, उससे लगता है कि कम्युनिस्ट शासन और तथाकथित जेहादी आतंक के बीच एक सांठ गांठ है? क्या आप विस्तार से बता सकती हैं कि ये कैसे पढ़ाया या साबित किया जाएगा?
9) Engineering course में Counter terrorism कोर्स को शामिल करने का क्या मतलब और क्या मंशा है...