'धाकड़ एक्सक्लूसिव' में बात हुई तालिबान के अफगानिस्तान के। अमेरिका की सेना के आखिरी जवान ने भी अफगानिस्तान छोड़ दिया। अब अफगानिस्तान तालिबान के कब्जे में है और इसका असर अफगानिस्तान में दिखने भी लगा है। काबुल एयरपोर्ट पर तालिबान की मौजूदगी तो थी ही, हक्कानी के आतंकी भी काबुल पहुंच चुके हैं। आप वीडियो में अनस हक्कानी को देखेंग जो अपने आतंकवादियों को संबोधित कर रहा है। अनस हक्कानी सिराजुद्दीन हक्कानी का भाई है। ऐसा कहा जाता है कि अनस हक्कानी का आतंकी नेटवर्क सबसे ज्यादा बेरहम है। वही अनस हक्कानी एयरपोर्ट पर नजर आ रहा है।
अफगानिस्तान में तालिबान...इस्लामिक स्टेट ऑफ खुरासान प्रॉविंस और हक्कानी नेटवर्क का त्रिकोण भारत के लिए खतरे का अलार्म है। खतरा इसलिए भी बड़ा है क्योंकि अब ये जगजाहिर है कि पाकिस्तान और चीन आतंक की इस तिकड़ी के समर्थन में खड़े हैं। अमेरिका के अफगानिस्तान से बाहर निकलते ही हक्कानी नेटवर्क अफगानिस्तान में सक्रिय हो गया है यानी भारत के लिए ये बड़े खतरे का अलार्म है।
अब तक ये माना जा रहा था कि तालिबान और ISKP दुश्मन संगठन हैं लेकिन अफगानिस्तान में तालिबान के कब्जे के बाद दोनों में समझौता हो चुका है और इस समझौते में हक्कानी नेटवर्क भी शामिल हो चुका है। भारत को अब तक पाकिस्तान और चीन की चुनौतियों से निपटना होता था लेकिन खतरा अब बढ़ चुका है कि क्योंकि दुनिया के सबसे दुर्दान्त तीन आतंकी संगठन तालिबान...ISKP और हक्कानी...पाकिस्तान और चीन के हाथों की कठपुतली बन चुके हैं।
आतंक की तिकड़ी के खतरे को बेहतर तरीके से समझने के लिए आपको तालिबान...ISKP और हक्कानी नेटवर्क के बारे में कुछ बाते जानना चाहिए।
ISKP यानी इस्लामिक स्टेट ऑफ खुरासान प्रॉविंस, ये इस्लामिक स्टेट का ही एक रूप है। इस संगठन में अधिकतर पाकिस्तानी शामिल हैं। ISKP के पास 2000 से ज्यादा आतंकी लड़ाके होने का अनुमान है। ISKP की स्थापना भी पाकिस्तान-अफगानिस्तान सीमा के पास की गई थी। हक्कानी नेटवर्क...इस संगठन में बड़े हमलों को अंजाम देने वाले ट्रेंड आतंकवादी हैं। ये आतंकवादी आधुनिक तकनीक में माहिर हैं। एक्सप्लोसिव डिवाइस और रॉकेट बनाने में इन्हें महारत हासिल है। हक्कानी नेटवर्क पाकिस्तान का ही एक जेहादी ग्रुप है जिसकी जड़ें अफगानिस्तान तक फैली हुई है। हक्कानी ग्रुप के दो बड़े तालिबानी नेता सिराजुद्दीन हक्कानी और खलील हक्कानी पर 110 करोड़ रुपए का इनाम है।