- दिल्ली और एनसीआर में भूकंप के झटके महसूस किए गए
- 6.3 तीव्रता के जलजले ने ताजिकिस्तान को किया था हिट
- श्रीनगर, जम्मू, चंडीगढ़, दिल्ली, एनसीआर, जयपुर और जोधपुर हिल गए
शुक्रवार की रात तकरीबन साढ़े दस बजे राष्ट्रीय राजधानी नई दिल्ली सहित समूचे उत्तर भारत में भूकम्प के तेज झटके महसूस किए गए। पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के नेशनल सेंटर ऑफ सिस्मोलॉजी के अनुसार, भूकंप का केंद्र ताजिकिस्तान में और रात 10:31 बजे वहां भूकंप आया था।नेशनल सेंटर ऑफ सिस्मोलॉजी ने अपनी सबसे शुरुआती अपडेट में कहा था कि भूकम्प का केंद्र जम्मू कश्मीर में था। इसके बाद इसे बदलकर अमृतसर कर दिया गया। अब विभाग क कहना है कि भूकम्प का केंद्र अफगानिस्तान, किर्गिस्तान, चीन और उजबेकिस्तान से घिरे देश ताजिकिस्तान में था।
एक जगह निशाना, हिल गये कई देश
बताया गया है कि ताजिकिस्तान में भूकम्प की तीव्रता 6.3 मापी गई। इसका केंद्र जमीन से 74 किलोमीटर नीचे बताया जा रहा है।अब तक किसी के हताहत होने या संपत्तियों को नुकसान की सूचना नहीं है लेकिन इसे लेकर लोगों में दहशत का माहौल है। दिल्ली और अन्य शहरो में रात में सोने की तैयारी कर रहे लोग अपने घरों से बाहर निकलकर सुरक्षित स्थानों पर चले गए। दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने ट्वीट कर कहा कि झटकों से दिल्ली दहल गई। वो भगवान से सबकी सलामती के लिए प्रार्थना करते हैं।
पंजाब में नुकसान की खबर नहीं
पंजाब के सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कहा कि भूकंप के बाद अमृतसर या पंजाब के अन्य हिस्सों में अब तक किसी भी नुकसान की कोई खबर नहीं है। पंजाब पुलिस और स्थानीय प्रशासन शीर्ष अधिकारी स्थिति पर नजर बनाए हुए हैं। हालांकि भूकंप के तेज झटकों के बाद लोग घरों से बाहर निकल पड़े और लोगों के चेहरों पर खौफ देखा जा सकता था।
इन जगहों पर महसूस किया गया जलजला
- जम्मू,
- श्रीनगर
- दिल्ली
- एनसीआर,
- लखनऊ
- जयपुर
- देहरादून
- शिमला
- जोधपुर
भयावह जलजला- उमर अब्दुल्ला
जम्मू-कश्मीर के पूर्व सीएम उमर अब्दुल्ला ने कहा कि 2005 के भूकंप के बाद से श्रीनगर में भूकंप के झटके मुझे घर से बाहर निकालने के लिए मजबूर कर दिया। मैंने मैंने एक कंबल पकड़ा और भागा। मुझे अपना फोन लेना याद नहीं था और इसलिए "भूकंप" ट्वीट करने में असमर्थ था, जबकि लानत जमीन हिल रही थी।
रिक्टर स्केल पर तीव्रता और तबाही का मंजर
- 0 से 1.9 सीस्मोग्राफ से पता चलता है।
- 2-2.9 हल्का कंपन
- 3.3.9 बिल्कुल करीब से ट्रक के गुजरने पर कंपन का अहसास
- 4-4.9 के भूकंप पर खिड़कियां टूटने का खतरा
- 5-5.9 फर्नीचर हिल जाता है।
- 6 से 6.9 पर इमारतों की नींव दरकती है और ऊपरी मंजिल को नुकसान
- 7-7.9 इमारतें गिर जाती हैं और जमीन के अंदर पाइप का फट जाती हैं
- 7 से 7.9 इमारत समेत बड़े पुलों को गिरने का खतरा
- 9 से अधिक तीव्रता के भूकंप से भयंकर तबाही
क्या कहते हैं जानकार
जानकारों का कहना है कि जिस इलाके में भूकंप का केंद्र है वो टेक्टोनिक तौर पर संवेदनशील है। धरती के अंदर जब आवश्यकता से अधिक संचित ऊर्जा बाहर निकलती है तो वो फिशर के जरिए बाहर निकलती है और उसका असर जलजले के तौर पर नजर आता है। लेकिन पिछले 9 से 10 महीने में जिस तरह से दिल्ली और एनसीआर के इलाके में जलजला दस्तक दे रहा है वो किसी बड़े तबाही की पूर्व चेतावनी हो सकती है।