नई दिल्ली : नए कृषि कानूनों की खिलाफत कर रहे किसान अपनी मांग से पीछे हटने के लिए तैयार नहीं है। किसानों तीनों कानूनो को खत्म करने की मांग कर रहे हैं जबकि सरकार संशोधन की बात कह रही है। सरकार के नए प्रस्ताव को ठुकराने के बाद किसानों ने अपना आंदोलन तेज करने की बात कही है। इसी क्रम में वह वह 12 दिसंबर से 14 दिसंबर के बीच अपने आंदोलन की रणनीति बनाने के लिए गुरुवार को दो बजे बैठक करने जा रहे हैं। इस बैठक में किसान संगठनों के 50 प्रतिनिधि हिस्सा लेंगे। किसान नेता बलदेव सिंह सिरसा ने कहा कि सरकार भी मानती है कि इन कानूनों में खामियां हैं।
गृह मंत्री अमित शाह के साथ बैठक में हिस्सा लेने वाले संयुक्त किसान मोर्चा के संयोजक बलदेव सिंह सिरसा का कहना है कि सरकार भी मानती है कि कानून में कई खामियां हैं। उन्होंने कहा, 'अब बात कानूनों में संशोधन की नहीं है बल्कि तीनों कानूनों को खत्म करने की है। बैठक में सरकार ने हमसे कानून की खामियों बताने के लिए कहा और हमने ऐसा किया भी। कानून शव की तरह हो गया है क्या आप शव अपने घर में रखते हैं।' इस आरोप पर कि किसानों के आंदोलन को विपक्ष नियंत्रित कर रहा है, सिरसा ने कहा कि क्या आपने मंच पर किसी नेता को देखा है, हमने किसी नेता को अपने मंच पर आने की इजाजत नहीं दी है। हम गत जून से प्रदर्शन करते आ रहे हैं।