- विदेश मंत्री एस जयशंकर ने यूएनएससी में पाकिस्तान को सुनाई खरी-खरी
- विदेश मंत्री बोले- कुछ देश में खुलेआम घूमते हैं यूएन घोषित आतंकी
- आतंकवाद को किसी और दूसरे नजरिए से न देखें, क्योंकि आतंकवाद तो आतंकवाद है- जयशंकर
नई दिल्ली: अफगानिस्तान के हालात पूरी दुनिया देख रही है। यहां इंसान या तो तालिबान राज में मरने के लिए मजबूर है या फिर किसी दूसरे देश में शरणार्थी बनने पर। अफगानिस्तान की इस माली हालत का जिम्मेदार तालिबान तो है ही साथ ही कुछ और प्लेयर भी हैं जिन्होंने पर्दे के पीछे रहकर तालिबान को सत्ता हथियाने में अहम मदद की। इस सवाल का जवाब संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) में भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने इशारों इशारों में दे दिया।
अफगानिस्तान के हालात पर पूरी दुनिया चिंतित
विदेश मंत्री जयशंकर ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) की मीटिंग में आतंकवाद का जिक्र करते हुए कहा पाकिस्तान पर निशाना साधा और कहा, 'अफगानिस्तान में जो हो रहा है..वो पूरी दुनिया के लिए चिंता की बात है और दुनिया चिंतित भी है। वहां के स्थानीय हालात और इंटरनेशनल सिक्योरिटी ये दोनों चिंता की बात है। हक्कानी नेटवर्क से जुड़े लोगों की एक्टिविटी को कुछ लोग जस्टिफाई करने की कोशिश कर रहे हैं। वो अफगानिस्तान में हो या भारत के खिलाफ हो। लश्कर-ए-तैयबा और जैश जैसे संगठन इसे लगातार ऑपरेट कर रहे हैं। इसलिए जरूरत इस बात की है UNSC इन बातों पर सिलेक्टिव व्यू न रखे।' विदेश मंत्री ने कहा कि कुछ देशों में यूएन घोषित आतंकी और आतंकी संगठन खुलेआम काम करते हैं और समर्थन पाते है।उन्होंने कहा कोरोना और आतंकवाद एक जैसे हैं और दोनों को जड़ से खत्म करना होगा।
जैश और लश्कर का जिक्र कर पाक को लिया निशाने पर
विदेश मंत्री एसजयशंकर ने पाकिस्तान का नाम तो नहीं लिया लेकिन आतंकवाद को लेकर पड़ोसी देश को खरी-खरी सुनाते हुए कहा, 'मैंने ये साफ कर दिया है कि बदकिस्मती से हमें सरहद पार से होने वाले आतंकी हमलों का लंबा तजुर्बा है। सिर्फ हम ही नहीं कई ऐसे देश हैं जो ये झेल रहे हैं, अफगानिस्तान उनमें से एक है। मैं कुछ आतंकी संगठनों का नाम भी ले लेता हूं, जैसे जैश ए मोहम्मद और लश्कर-ए-तैय्यबा... ये मैं हमेशा से कहता आया हूं और ये जरूरी है कि हम आतंकवाद को किसी और दूसरे नजरिए से न देखें.. क्योंकि आतंकवाद.. तो आतंकवाद ही है।'
अफगानिस्तान में भी पाकिस्तान का हाथ
एक ताजा रिपोर्ट में भी ये बात सामने आई है कि अफगानिस्तान में आतंकवाद को बढ़ावा देने में पाकिस्तान का हाथ है। रिपोर्ट में ये दावा किया गया है कि पाकिस्तान का नया आतंकी अड्डा अफगानिस्तान बन रहा है...पूर्वी और दक्षिणी अफगानिस्तान में पाकिस्तान में पल रहे जैश-ए-मोहम्मद अपने आतंकी ठिकाने बना रहा है जिनमें आतंकियों को ट्रेनिंग दी जाएगी। पाकिस्तान की ISI ने अलकायदा, जैश, ISKP, तालिबान और जमात जैसे संगठनों को एकजुट किया है। लश्कर और जैश जैसे संगठन मिल कर तालिबानी आतंकियों को ट्रेनिंग दे रहे हैं। इस ट्रेनिंग में ड्रोन, नाइट विजन डिवाइस, थर्मल स्कोप, कंप्यूटर और रेडियों चलाने की ट्रेनिंग भी शामिल है...
अफगानिस्तान को आतंक का गढ़ बना रहा है पाकिस्तान
पाकिस्तान अफगानिस्तान को अपना आतंक का अड्डा बना रहा है। इसके पीछे 2 वजह हैं, पहली वजह पाकिस्तान में पल रहे आतंकी संगठनों को एक नया ठिकाना मिल जाएगा जहां से पाकिस्तान तालिबान के साथ मिलकर कश्मीर में आतंक फैलाने की तैयारी में है और दूसरी वजह FATF की Gray list से छुटकारा मिल जाएगा। पाकिस्तान को लगता है कि पिछले 20 साल तक उसने तालिबान की जो मदद की है, अब उसकी वसूली का समय आ गया है। लेकिन इमरान ये समझ नहीं पा रहे हैं कि आतंक के जिस सांप को उन्होंने दो दशक तक दूध पिलाया है अब वो उन्हें ही डसने वाला है।