- डीजीएचसी की वेबसाइट पर कोरोना के इलाज पर विस्तृत गाइडलाइन
- कोरोना के माइल्ड केस के इलाज में दवाओं का इस्तेमाल न करने की सलाह
- प्लाजमा थेरेपी, हाइड्रोक्सोक्लोरोक्वीन का इस्तेमाल न करनी की बात
नई दिल्ली : करोना संक्रमण के इलाज को लेकर स्वास्थ्य मंत्रालय ने नई गाइडलाइन जारी की है। इस संशोधित गाइडलाइन में कोरोना के इलाज में अब तक इस्तेमाल होने वाली कई दवाओं और तरीकों पर रोक लगा दी गई है। गाइडलाइन में कोरोना के इलाज में हाइड्रोक्सोक्लोरोक्वीन, एंटीबॉयटिक्स, जिंक एवं विटमिन्स जैसी दवाओं का इस्तेमाल न करने की सलाह दी गई है। साथ ही स्टेरायड, पैरासीटामॉल और ऑक्सीजन का सही तरीके से इस्तेमाल करने पर जोर दिया गया है। खास बात है कि संशोधित गाइडलाइन में भाप लेने से भी मना किया गया है। कोरोना के इलाज में अब तक भाप लेने को काफी मुफीद माना जाता रहा है। गाइडलाइन में प्लाज्मा थेरेपी पर भी रोक लगाई गई है।
डीजीएसएस की वेबसाइट पर संशोधित गाइडलाइन
डाइरेक्टर जनरल ऑफ हेल्थ सर्विसेज की वेबसाइट पर ये संशोधित गाइडलाइन दी गई है। वेबसाइट पर 27 मई को इलाज का एक विस्तृत प्रोटोकॉल अपलोड किया गया। हालांकि, इस संशोधित गाइडलाइन को अभी तक स्वास्थ्य मंत्रालय की वेबसाइट पर अपडेट नहीं किया गया है। संशोधित गाइडलाइन में कोरोना के इलाज में इस्तेमाल होने वाली दवाओं के बारे में विस्तार से बताया गया है।
हल्के लक्षण वाले मरीजों को दवा की जरूरत नहीं
गाइडलाइन में कहा गया है कि हल्के लक्षण वाले मरीजों को किसी भी तरीके की दवाई की जरूरत नहीं है। मॉडरेट मामलों में हाइड्रोक्सोक्लोरोक्वीन, आइवरमेक्टिन दवा का इस्तेमाल करने से मना किया गया है। इवेरमेक्टिन, स्टेरायड, रेमडिसिविर दवा कब और किसे देनी है इस बारे में विस्तार से बताया गया है। गाइडलाइन में सीटी स्कैन न कराने की भी सलाह दी गई है।