- ज्ञानवापी मस्जिद में मंदिर के सबूत मिलने के बाद बढ़ने लगी है आवाजाही
- शुक्रवार को शिवजी का रूप धारण कर दर्शन के लिए पहुंचा बालक
- कई श्रद्धालुओं ने कहा- यहां पर मस्जिद नहीं मंदिर था
Gyanvapi Latest Update: ज्ञानवापी मस्जिद है या मंदिर इस विवाद के बीच एक शिवभक्त बच्चा शिव जी का रूप धारण कर के नंदी का इंतजार खत्म करने ज्ञानवापी पहुंचा। Times Now Navbharat से बात करते हुए बालक ने बताया कि वह नंदी जी से मिलने गया था। बच्चे ने कहा कि मुझे इस बारे में बताया गया कि यहां भोलेनाथ प्रकट हुए थे। बालक ने बताया कि वह भोले का भक्त है।
बच्चे के अभिभावकों ने कही ये बात
इस बारे में जब बच्चे के अभिभावकों से पूछा गया कि शिवजी के गेट अप को धारण करने के पीछे की वजह क्या है, तो उन्होंने बताया, 'इसका मकसद है लोगों को जागृत करना कि मैं (शिवजी) यहां पर ही विराजमान हूं, साक्षात हूं। जब साक्षात स्थान उनका तो वो शिवजी को मिलना ही है। यहां जो फव्वारा बताया जा रहा है वो शिवलिंग है।'
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कोर्ट मे ंगया मामला
ज्ञानवापी पर SC में सुनवाई से पहले हिंदू पक्ष ने कोर्ट में जवाब दाखिल कर दिया है। जवाब में हिंदू पक्ष की तरफ से सुप्रीम कोर्ट में कहा गया है कि भारत में इस्लामिक शासन से हज़ारों साल पहले से संपत्ति आदि विश्वेश्वर की थी और भगवान की संपत्ति किसी को नहीं दी जा सकती। हिंदू पक्ष ने कहा कि औरंगज़ेब ने शासक होने के नाते जबरन कब्ज़ा किया। इससे मुसलमानों को संपत्ति पर हक नहीं मिलता।
आपको बता दें कि ज्ञानवापी परिसर के वीडियोग्राफी सर्वेक्षण के लिए वाराणसी की एक अदालत द्वारा गठित आयोग ने अपनी रिपोर्ट बृहस्पतिवार को अदालत को सौंप दी। हिंदू पक्ष के अधिवक्ता मदन मोहन यादव ने बताया कि विशेष अधिवक्ता आयुक्त विशाल सिंह ने 14, 15 और 16 मई को किए गए सर्वेक्षण कार्य की रिपोर्ट जिला सिविल न्यायाधीश रवि कुमार दिवाकर की अदालत में पेश की।
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