देश की आन बान शान तिरंगे को लेकर घमासान मचा हुआ है। आजादी के 75वीं वर्षगांठ के मौके पर मोदी सरकार देशभर में हर घर तिरंगा अभियान चला रही है। प्रधानमंत्री मोदी इस अभियान के लिए देशवासियों से अपील कर चुके हैं कि वो इस हफ्ते अपनी प्रोफाइल में तिरंगे की फोटो लगाने की अपील कर चुके हैं लेकिन विपक्ष को सरकार का ये तिरंगा अभियान रास नहीं आ रहा है। तिरंगे को लेकर सियासत हो रही है।
कांग्रेस के युवराज राहुल गांधी तो राष्ट्रीय सेवक संघ यानी आरएसएस को देशद्रोही बताने में लगे हैं। सरकार के तिरंगा अभियान से बौखलाए राहुल गांधी ने एक ट्वीट किया और लिखा इतिहास गवाह है, 'हर घर तिरंगा' मुहिम चलाने वाले, उस देशद्रोही संगठन से निकले हैं, जिन्होंने 52 सालों तक तिरंगा नहीं फहराया। आजादी की लड़ाई से, ये कांग्रेस पार्टी को तब भी नहीं रोक पाए और आज भी नहीं रोक पाएंगे।
क्या विपक्षी दलों के पास मुद्दे नहीं है कि जो तिरंगे को लेकर ऐसा दुष्प्रचार हो रहा है। क्यों राहुल गांधी को आरएसएस देशद्रोही लगता है। अगर आरएसएस देशद्रोही संस्था थी तो 70 साल आपने राज किया। बैन कर देते। क्यों नहीं किया? जिस आरएसएस को राहुल गांधी देशद्रोही बता रहे हैं उसी आरएसएस को लेकर राहुल को पहले इतिहास जानना जरूरी है।
RSS पर इतिहास जानेंगे राहुल?
1- 1962 में भारत पर चीन के आक्रमण के समय संघ के स्वयंसेवकों की सेवा से प्रभावित होकर तत्कालीन प्रधानमंत्री नेहरू ने 1963 की गणतंत्र दिवस की परेड में संघ को आमंत्रित किया था।
2- संघ के कार्यक्रमों में भारत के पूर्व राष्ट्रपति डॉ. जाकिर हुसैन भी हिस्सा ले चुके हैं।
3- 1965 के भारत-पाकिस्तान युद्ध के समय तत्कालीन प्रधानमंत्री लालबहादुर शास्त्री जी ने संघ के सरसंघचालक गुरुजी गोलवलकर को सर्वदलीय बैठक में आमंत्रित किया था।
4- पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने भी 1977 में RSS के कहने पर स्वामी विवेकानंद की प्रतिमा का अनावरण किया था।
5- पॉलिटिकल हस्तियों के अलावा पूर्व जनरल फील्ड मार्शल करियप्पा 1959 में मंगलोर की संघ शाखा के कार्यक्रम में आये थे।
6- 2018 में पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी भी आरएसएस के कार्यक्रम में शामिल हुए थे।
दरअसल नेशनल हेराल्ड केस को लेकर कांग्रेस फंस चुकी है। ईडी की पूछताछ के बाद अब यंग इंडियन के दफ्तर पर ईडी ने ताला लगा दिया है। ईडी की कार्रवाई से कांग्रेस बौखला गई है और मोदी सरकार पर हमला बोल रही है। कांग्रेस सरकार पर एजेंसियों के दुरुपयोग का आरोप लगा रही है लेकिन सच ये भी है कि हेराल्ड के दफ्तरों की जब टाइम्स नाउ नवभारत ने पड़ताल की तो उस प्रॉपर्टी पर बीयर बार मिले। लखनऊ हेराल्ड के दफ्तर की ये तस्वीरें हैंष जहां बीयर की दुकान हेराल्ड के दफ्तर पर है। क्या राहुल गांधी इस पर जवाब देंगे?
कांग्रेस ही नहीं बाकी विपक्षी दल भी आरएसएस पर हमला कर रहे हैं इस जमात में ओवैसी सबसे आगे हैं। ओवैसी ने शमसुल इस्लाम, हिंदू राष्ट्रवाद और आरएसएस के स्रोत के हवाले से ट्वीट किए और आरोप लगाया कि आरएसएस का आजादी में कोई योगदान नहीं है। ओवैसी ने आरोप लगाया कि आरएसएस ने स्वतंत्र भारत को ही खारिज कर दिया था। हालांकि ये कोई नई बात नहीं है जब मोदी विरोध के नाम पर विपक्षी नेताओं ने आरएसएस पर सवाल उठाए हो।
आज इस मुद्दे पर बहस करू उससे पहले आरएसएस को लेकर बड़ी हस्तियों ने क्या कहा वो भी राहुल गांधी और ओवैसी जैसे लोगों को जरुर देखना चाहिए। RSS पर बड़ी हस्तियों ने क्या कहा ?
महात्मा गांधी ने कहा था- RSS के सामाजिक कार्यों में मैं राष्ट्रहित देख रहा हूं। व्यक्तिगत चरित्र ध्येय के प्रति प्रतिबद्धता है। इस कार्य में आपको सफलता न मिलने का प्रश्न ही नहीं उठता।
सुभाष चंद्र बोस ने कहा था- समाज को संगठित करने में संघ का बताया हुआ मार्ग सही है।
डॉ. भीमराव आंबेडकर ने कहा था- मुझे आश्चर्य होता है ये देखकर कि यहां पर स्वयंसेवक किसी भी प्रकार के भेदभाव के बिना, किसी दूसरे की जाति जाने बगैर परस्पर भाईचारे से रह रहे हैं।
डॉ. जाकिर हुसैन ने कहा था- RSS के ऊपर दंगा और दहशतगर्दी का आरोप बिल्कुल बेबुनियाद है। परस्पर प्रेम, सौहार्द, संगठन ऐसे विचार, मुसलमानों को संघ से सीखना चाहिए।
विपक्ष तिरंगा यात्रा पर दुष्प्रचार वाली सियासत कर रहा है। कोई आरएसएस को देशद्रोही कह रहा है तो कोई तिरंगा अभियान को बीजेपी का एजेंडा बता रहा है तो बीजेपी ने भी पलटवार किया है।
ऐसे में आज के सवाल हैं
'तिरंगे' की लड़ाई में RSS 'देशद्रोही' कैसे ?
हेराल्ड प्रॉपर्टी में बियर बार...राहुल देंगे जवाब ?
RSS से ओवैसी को इतनी 'चिढ़' क्यों ?
मुद्दों पर हार तो हर बात पर विपक्ष का दुष्प्रचार ?