- कोविड-19 की दूसरी लहर में किसी की भी मौत ऑक्सीजन की कमी से नहीं- केंद्र सराकर
- विपक्ष ने पूछा कि आखिर ये किस तरह के आंकड़े
- केंद्र सरकार का जवाब, हेल्थ, स्टेट सब्जेक्ट और सभी डेटा राज्यों से ही मिले हैं
कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई में अप्रैल और मई के महीने में देश ने जिस दौर को देखा उसे भूला पाना मुश्किल है। अस्पतालों में ऑक्सीजन की कमी एक प्रमुख मुद्दा था। इस विषय पर मंगलवार को स्वास्थ्य राज्य मंत्री ने जो बयान दिया कि मसलन ऑक्सीजन की कमी से किसी की मौत नहीं हुई। उस बयान के बाद सियासी तीर छोड़े जा रहे हैं। कांग्रेस समेत कई विपक्षी दलों ने कहा कि क्या सरकार आंकड़ों के जरिए अपनी नाकामी छिपाने की कोशिश कर रही है।
कांग्रेस का निशाना
कांग्रेस प्रवक्ता जयवीर शेरगिल ने कहा कि पता नहीं कौन सबसे खराब था - बाबा रामदेव का 'कोरोनिल' लॉन्च करने वाले पूर्व स्वास्थ्य मंत्री या वह करंट जिसने घोषित किया है कि ऑक्सीजन की कमी से कोई मौत नहीं हुई।
शिवसेना के बोल
शिवसेना नेता संजय राउत ने केंद्र पर कहा, 'ऑक्सीजन की कमी से कोई मौत नहीं' मैं अवाक हूं। ऑक्सीजन की कमी से अपनों को खोने वाले इस बयान को सुनकर उनके परिवारों का क्या होता? सरकार के खिलाफ मुकदमा दर्ज होना चाहिए। झूठ बोल रहे हैं। अप्रैल और मई के महीने में जिस मंजर को सभी लोगों ने देखा उसे आखिर सरकार कैसे भूल सकती है। क्या आंकड़ों या राज्यों की जवाबदेही से ही केंद्र सरकरा को लेना देना है।
दरअसल केंद्र सरकार की तरफ से जब इस तरह का बयान संसद में आया तो राहुल गांधी ने कहा कि आखिर ये क्या हो रहा है। ये बात अलग थी कि केंद्र के समर्थन में तमाम मंत्रियों ने मोर्चा खोल दिया। ग्रामीण विकास मंत्री गिरिराज सिंह ने तो यहां तक कह दिया कि उन्हें दिमागी परेशानी है, राहुल गांधी को खासतौर से कांग्रेस शासित राज्यों से भी सवाल जवाब करने चाहिए।