यूपी विधानसभा चुनाव में अब 6 महीने से कम का वक्त बचा है। योगी सरकार जानती है कि किसान चुनाव में निर्णायक भूमिका निभा सकते हैं।लेकिन दूसरी तरफ कृषि कानूनों को विरोध में दिल्ली के बॉर्डर पर आंदोलन कर रहे किसानों को आज पूरे 9 महीने हो गए हैं।एक तरफ आंदोलनजीवी किसान हैं दूसरी तरफ वो अन्नदाता है जो खेती करने में बिजी है ।योगी सरकार ने कल किसानों को तोहफा दिया और किसानों के साथ संवाद किया।
चुनावी मौसम, किसानों की नाराजगी दूर करने की कवायद
योगी आदित्यनाथ का कहना है कि किसानों को कोई समस्या नहीं आने दी जाएगी । योगी सरकार के इस ऐलान पर भी सियासत तेज हो गई है। खुद को किसानों का मसीहा बताने वाले राकेश टिकैत हो या फिर समाजवादी पार्टी योगी सरकार पर हमलावर है ।यूपी में कुल 2.33 करोड़ किसान हैं। चुनावी मौसम में बीजेपी अपने किसान संवाद से नाराजगी दूर करने की भारी कवायद में जुटी है तो दूसरी तरफ आंदोलन कर रहे किसान, तीन कृषि कानूनों समेत कई मुद्दों पर नाराज हैं।
योगी का किसानों को तोहफा
- गन्ना खरीद की कीमत बढ़ाई जाएगी
- किसानों के पराली जलाने पर केस वापस होंगे
- पराली जलाने पर लगा जुर्माना भी वापस होगा
- बकाए की वजह से किसानों की बिजली नहीं कटेगी
योगी का मेगा प्लान, आंदोलनजीवी परेशान ?
- 2022 में 'किसान' किसका करेंगे बेड़ापार ?
- किसानों को कौन बरगला रहा है ?
- किसानों के नाम पर सियासत कब तक होगी ?
- 9 महीने से चला आ रहा आंदोलन कब तक चलेगा ?
किसानों से सीधी टक्कर होगी भूल
बीजेपी के चुनावी रणनीतिकार ये समझ चुके हैं कि किसानों से सीधे-सीधे टक्कर भारी चुनावी भूल होगी ..तो वहीं विपक्षी दल किसानों के कंधे पर बंदूक रखकर यूपी की सियासत साधना चाहते हैं । हर कोई जानता है कि पश्चिमी यूपी में किसानों का दबदबा है। किसान वोट जीत हार तय कर सकते हैं ऐसे में सवाल है।