टाइम्स नाउ नवभारत के खास कार्यक्रम 'लोगतंत्र' में लोगों की आवाज को बुलंदी से उठाना हमारा मकसद है। ये एक ऐसा शो होगा जो लोगों के लिए, लोगों से जुड़ी खबरें लेकर आएगा। हमारी हर खबर ऐसी होगी जिसका आप पर सीधा असर होता है।
आज लोगतंत्र में क्या है खास।
एक तरफ जहां कोरोना की तीसरी लहर का खतरा मंडरा रहा है, वहीं स्कूल खुलने लगे हैं। क्या स्कूल खोलना खतरे से खेलना है? दुनिया के 170 से ज्यादा देशों में या तो पूरे या फिर आंशिक तौर पर स्कूलों खुल चुके हैं। डेढ़ साल तक वचुर्अल पढ़ाई करने के बाद अब कई राज्यों में बच्चे रियल क्लासरूम में पढ़ाई करने पहुंच रहे हैं। देश में 13 राज्यों में स्कूल खुल गए हैं। जबकि दिल्ली और बंगाल जैसे राज्य फूंक-फूंक कदम बढ़ा रहे हैं। ये ऐसा समय हो रहा है कि जब तीसरी लहर आने का खतरा है और बच्चों के लिए वैक्सीन अभी तक आई नहीं है। तो एक तरफ डर है तो दूसरी तरफ उम्मीद, एक तरफ बच्चे डेढ साल से स्कूल नहीं गए हैं, वहीं दूसरी तरफ कोरोना का खतरा है।
किन राज्यों में खुले स्कूल
हरियाणा, गुजरात, पंजाब, राजस्थान, हिमाचल प्रदेश, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, तेलंगाना और आंध्र प्रदेश में स्कूल खुल गए।
इन राज्यों में स्कूल खोलने की तैयारी
उत्तर प्रदेश, आंध्र प्रदेश, जम्मू-कश्मीर और दिल्ली में स्कूल खोलने की तैयारी है।
स्कूल खोलने के पीछे तर्क
- कोरोना के लिए बच्चो में बेहतर इम्युनिटी
- गंभीर रूप से बीमार होने का खतरा कम
- घर में ही रहने से तनाव बढ़ा, आत्मविश्वास घटा
- डिजिटल डिवाइड, ऑनलाइन क्लास में दिक्कत
स्कूलों को न खोलने के पीछे तर्क
- कोरोना की तीसरी लहर का खतरा
- अभी तक बच्चों के लिए वैक्सीन नहीं
- स्कूल में दूरी बनाए रखने, वेंटिलेशन की चुनौती
- पैरेंट्स की परमिशन, जिम्मेदारी से भागते स्कूल
क्या कहता है ICMR
- पहले प्राथमिक कक्षाएं शुरू हों
- बच्चों के अंदर बड़ी मात्रा में बनीं एंटीबॉडीज
- चौथे सीरो सर्वे में हुआ खुलासा
- ICMR ने किया स्कूल खोलने का समर्थन