'न्यूज की पाठशाला' में बात हुई चीन से निपटने वाली ग्लोबल डिप्लोमेसी के टेस्ट पर। पीएम मोदी के पावर पैक्ड अमेरिका दौरे की डिटेल्स दी गईं। मोदी-बाइडेन की पहली मुलाकात पर जरूरी नोट्स भी दिए गए। QUAD के सामने चीन-तालिबान की चुनौती वाला चैप्टर बताया गया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अमेरिका दौरा से पहले तीन अहम बातें आप नोट कर लीजिए- QUAD की पहली in-person समिट, जो बाइडन से पहली द्विपक्षीय मीटिंग, संयुक्त राष्ट्र महासभा में पीएम का भाषण।
पीएम मोदी का अमेरिका दौरा
- 22 सितंबर, देर रात वॉशिंगटन पहुंचेंगे
- 23 सितंबर, अमेरिकी CEOs से मीटिंग
- 23 सितंबर, उपराष्ट्रपति कमला हैरिस से मीटिंग
- 23 सितंबर, जापान-ऑस्ट्रेलिया के पीएम से मीटिंग
- 24 सितंबर, पहला QUAD शिखर सम्मेलन
- 24 सितंबर, राष्ट्रपति बाइडन के साथ द्विपक्षीय बैठक
- 24 सितंबर, वॉशिंगटन से न्यूयॉर्क रवाना
- 25 सितंबर, न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र महासभा में भाषण
QUAD क्या है?
Quadrilateral Security Dialogue. चार देशों का गठजोड़ है- भारत, अमेरिका, जापान और ऑस्ट्रेलिया।
QUAD का मकसद
- चीन की आक्रामक नीतियों से निपटना
- चीन का सैन्य और कूटनीतिक काउंटर
- फ्री एंड ओपन इंडो-पैसिफिक बनाना
QUAD का इतिहास
- 2007 में पहली बार आइडिया
- 10 साल तक आइडिया फ्रीज रहा
- 2017 में आइडिया पर काम शुरू
- अनौपचारिक मीटिंग्स शुरू हो गईं
QUAD के एजेंडे में-
- हिंद प्रशांत क्षेत्र में वैक्सीन का रोडमैप तैयार करना
- क्वाड देशों के नौसेना अभ्यास को विस्तार देना
- समान सोच वाले दूसरे देशों के साथ क्वाड का सैन्य गठबंधन
- दूसरे देशों में ढांचागत विकास के लिए क्वाड का सहयोग
- चीन की कंपनियों के तकनीकी वर्चस्व को चुनौती देना
क्वाड पर चीन का बयान
14 सितंबर को चीन के विदेश मंत्रालय का बयान था कि क्वाड को किसी देश को टारगेट नहीं करना चाहिए, एक देश को टारगेट करने के लिए बना क्षेत्रीय सहयोग बेकार है, इसका कोई भविष्य नहीं है। संबंधित देशों को संकीर्ण सोच छोड़ देनी चाहिए और चीन के विकास को सही तरीके से देखना चाहिए। क्षेत्र की एकता और विकास के लिए काम करना चाहिए।