'ओपिनियन इंडिया का' में बात हुई देश के टीकाकरण की। हिंदुस्तान वैक्सीन के मामले में नया कीर्तिमान बनाने जा रहा है। भारत टीकाकरण के उस मुकाम पर पहुंचने वाला है, जिसकी कल्पना कुछ महीने पहले किसी ने नहीं की थी। हिंदुस्तान वो कामयाबी हासिल करने के करीब है, जिससे कई देश चकित हैं। चंद दिनों में हिंदुस्तान वैक्सीनेशन का यही कीर्तिमान बनाने वाला है। कुछ दिनों में भारत वैक्सीन की 100 करोड़ डोज लगाने का इतिहास रच देगा। हिंदुस्तान को अगर ये कामयाबी हासिल हो रही है, तो उसका श्रेय जाता है, टीकाकरण अभियान से जुड़े उन स्वास्थ्य कर्मियों को, उन आशा वर्कर्स को जो जिंदगी बचाने की महामुहिम में जुटे हैं। जो खराब हालात में, दुर्गम इलाकों में जान जोखिम में डालकर जान बचा रही हैं। ये इन्हीं की परिश्रम का परिणाम है कि हिंदुस्तान मील का पत्थर हासिल करने जा रहा है। चीन के बाद भारत ऐसा दूसरा देश है, जो इतनी बड़ी आबादी को इतनी तेजी से टीका लगा पाया।
देश में वैक्सीन 16 जनवरी 2021 को लगनी शुरू हुई थी। इसका मतलब है कि इस 10 महीने के दौरान हर दिन औसतन टीके की 36 लाख खुराक दी गई। इस लिहाज से हर घंटे औसतन डेढ़ लाख टीके लगाए जा रहे हैं। हर मिनट 2500 डोज और हर सेकंड 42 डोज लग रहे हैं। यानि एक बार आप पलक झपकाएंगे तब तक 42 लोगों को टीका लग चुका होगा। टीकाकरण की ये रफ्तार अपने आपमें ऐतिहासिक है।
भारत की वैक्सीन क्रांति को देखकर दुनिया दंग है। ऐसा इसलिए क्योंकि ये वही हिंदुस्तान है जहां 10 करोड़ डोज लगने में 85 दिन लग गए थे, लेकिन इसके बाद वैक्सीन अभियान की स्पीड बढ़ी। अगला 10 करोड़ टीका लगने में 45 दिन लगे। तीसरा 10 करोड़ डोज लगने में 29 दिन, चौथा 10 करोड़ डोज लगने में 24 दिन, पांचवां 10 करोड़ डोज 20 दिन में लग गए, छठा 10 करोड़ डोज सिर्फ 19 दिन में लग गए, सांतवां 10 करोड़ डोज 13 दिन में, आठवां 10 करोड़ 11 दिन में, नौवां 10 करोड़ 14 दिन में और दसवां 10 करोड़ डोज 18 दिन में पूरा होने की संभावना है। इस तरह भारत एक अरब टीका लगाने का रिकॉर्ड बना देगा।
टीकाकरण के मामले में अभूतपूर्व सफलता हासिल करने के बावजूद देश के सामने चुनौती बड़ी है। इस चुनौती का नाम है सभी वयस्कों का पूरी तरह से टीकाकरण। सरकार ने इस साल दिसंबर तक सभी वयस्कों को वैक्सीन की दोनों डोज देने का लक्ष्य है। उम्मीद है कि वैक्सीन अभियान की स्पीड और बढ़ेगी और टीकाकरण का दिसबंर टारगेट पूरा होगा।
ये कामयाबी इसलिए ऐतिहासिक क्योंकि भारत ने कोरोना के खिलाफ वैक्सीन वाली लड़ाई एक साथ कई मोर्चों पर लड़ाई लड़ी...
- चीन के बाद भारत दुनिया का दूसरा सबसे ज्यादा आबादी वाला देश है
- सबसे बड़ी चुनौती तो यही थी कि 130 करोड़ जनसंख्या तक टीका पहुंचाया जा सके
- विविधता वाले देश में कई दुर्गम इलाके हैं। जहां पहुंचना आसान नहीं है
- कई राज्यों में खराब मौसम एक अलग चुनौती है
- ऐसे हालात में वैक्सीन का ट्रांसपोर्टेशन, डिस्ट्रीब्यूशन और स्टोरज सबसे बडा चैलेंज था
- इसी देश में वैक्सीन को लेकर तमाम अफवाहें फैलीं। लोगों के अंदर भ्रम की स्थिति थी
- बावजूद इसके हिंदुस्तान ने इन बाधाओं को पार किया
- आज हालात ये है कि भारत जिस रफ्तार से वैक्सीन लगा रहा है, उसकी दाद WHO के अलावा दुनिया के तमाम बड़े देश दे रहे हैं
भारत अगर 100 करोड़ डोज लगाने के आंकड़े को छूने वाला है तो इसके कई मायने और मतलब हैं। ये बड़ी सफलता इसलिए है क्योंकि भारत कई देशों की आबादी से कई गुना ज्यादा वैक्सीन लगा चुका है। अमेरिका की कुल जनसंख्या 33 करोड़ है। यानि भारत अमेरिका की कुल आबादी से तीन गुना ज्यादा टीका लगा चुका है। इसी तरह पाकिस्तान की कुल आबादी से 5 गुना ज्यादा वैक्सीन लगा चुका है, वहीं रूस की जनसंख्या की तुलना में 7 गुना ज्यादा टीके लगाए जा चुके हैं। 100 करोड़ वैक्सीन लगाने की जो सफलता मिलने जा रही है, वो इसलिए भी ऐतिहासिक है, क्योंकि वैक्सीन के जितने डोज दुनिया के करीब 30 देशों ने लगाए हैं, उतने टीके भारत अकेले लगा चुका है। आंकड़ा देखिए और इस सफलता को समझने की कोशिश कीजिए।