'ओपिनियन इंडिया का' में बात हुई साड़ी को लेकर हुए नए विवाद पर। कारोबारी दुनिया का एक बहुत बड़ा नाम है इंदिरा नूयी। पेप्सीको की सीईओ रही इंदिरा नूयी के संघर्ष के दिनों का एक किस्सा बहुत लोकप्रिय है। वो ये कि येल यूनिवर्सिटी से मास्टर्स करने के बाद वो एक इंटरव्यू देने गईं। इस इंटरव्यू में उन्होंने सूट पहना था। उनकी वेशभूषा थोड़ी अजीब थी तो इंटरव्यू में उन्हें रिजेक्ट कर दिया गया। इंदिरा नूयी ने अपने प्रोफेसर से सलाह ली तो उन्होंने कहा कि वो पहनो, जिसमें सहज महसूस करो। नूयी ने अगले इंटरव्यू में साड़ी पहनी और उन्हें जॉब मिल गई। बाद में इंदिरा कई मौकों पर साड़ी पहनती दिखीं और मीडिया में उन्हें साड़ी वाली सीईओ भी कहा गया। आज ये कहानी इसलिए याद आई क्योंकि दिन भर हैशटैग साड़ी ट्रेंड कर रहा था। हजारों लोग ट्वीट कर रहे थे और इन ट्वीट के साथ एक 14-15 सेकेंड का वीडियो भी वायरल था। क्या था वो वीडियो और क्यों हैशटैग साड़ी टॉप ट्रेंड था, और क्यों एक छोटे से वीडियो का एक सिरा भारतीयता के मान-सम्मान से जुड़ गया।
दिल्ली के अकीला रेस्तरां का ये वीडियो अब वायरल है। अनीता चौधरी के ट्विटर हैंडल से 20 सितंबर को जब इस घटना का वीडियो पोस्ट किया गया तो महज 30 घंटे में हैशटैग साड़ी ट्रेंड करने लगा। अकीला रेस्तरां के कर्मचारी ये तो नहीं बता पाए कि साड़ी के स्मार्ट कैजुअल ना होने की बात उनके किसी मैनुअल में लिखी है, लेकिन सोशल मीडिया पर लोगों का गुस्सा निकला तो उसके लब्बोलुआब को इन तर्कों के आसरे पढ़ा जा सकता है।
- इंदिरा गांधी ने जब पाकिस्तान को ललकारा तब वो साड़ी में थीं
- ममता बनर्जी ने जब लेफ्ट के खिलाफ बंगाल में हुँकार लगाई तब वो साड़ी में थीं
- सरला ठकराल ने साड़ी पहनकर प्लेन उड़ा दिया
- रुपहले पर्दे पर माधुरी-श्रीदेवी जैसी अभिनेत्रियों को साड़ी में देखकर ना जाने कितनी बार करोड़ों दर्शकों का दिल डोला है
- संसद में साड़ी पहने पहुंची रेखा की तस्वीर हो या निर्मला सीतारमण का साड़ी पहनकर बजट भाषण-कौन कहेगा कि साड़ी स्मार्ट कॉस्ट्यूम नहीं है
- बिजनेस में जिन भारतीय महिलाओं ने दुनिया में डंका बजाया, वो कभी न कभी साड़ी की ब्रांड एम्बेसेडर रहीं
दरअसल, कई लोगों ने लिखा कि साड़ी सिर्फ छह या नौ मीटर का एक अदद कपड़ा नहीं है। साड़ी एक सोच है, जिसमें भारतीयता अपनी खूबसूरती में सिमटती है। भारतीय फैशन इंडस्ट्री में महिलाओं के परिधानों में 70 फीसदी हिस्से पर साड़ी का कब्जा है। 70 फीसदी हिन्दुस्तानी महिलाएं रोज या खास मौकों पर साड़ी पहनना पसंद करती हैं। साड़ी का कुल बाजार 50 हजार करोड़ से ज्यादा का है, जो हर साल सात-आठ फीसदी की दर से बढ़ रहा है। कांजीवरम, बनारसी, पटोला, हकोबा, चंदेरी, महेश्वरी, बोमकई, बंधेज समेत जितने साड़ियों के प्रकार हैं, उतने तरह के तो शायद कुल विदेशी कॉस्ट्यूम ना हों।
लेकिन, किसी हिन्दुस्तानी रेस्तरां को साड़ी ही स्मार्ट कैजुअल नहीं दिखती और साड़ी पहनी महिलाओं को रेस्तरां में घुसने की इजाजत नहीं तो ऐसे रेस्तरां की सोच को आधुनिक नहीं दकियानूस कहा जाएगा। क्योंकि सच यही है कि गाहे बगाहे ऐसे मामले आते रहते हैं, जब साड़ी को ओल्ड फैशनल्ड मानकर कथित आधुनिक कहे जाने वाले रेस्तरां, पब वगैरह में महिलाओं को प्रवेश से रोका गया है। रेस्त्रां के मैनेजर का कहना है कि अनीता चौधरी ने होटल के स्टाफ को थप्पड़ मारा। गलत बर्ताव किया। रेस्टोरेंट ने सीसीटीवी फुटेज भी जारी किया है, जिसमें महिला थप्पड़ मारते हुए नजर आ रही हैं। अकीला रेस्टोरेंट ने अनीता चौधरी के आरोपों पर ना सिर्फ सीसीटीवी तस्वीरें जारी की हैं, बल्कि बयान भी जारी किया गया है। लिखित बयान में कहा गया है कि बहस के दौरान उनके एक स्टाफ ने कहा कि रेस्टोरेंट में साड़ी पहनकर आना अलाउ नहीं है। ये बयान गलत था। इसके लिए रेस्त्रां ने माफी मांगी है। पर ये भी कहा है कि जो कुछ हुआ वो अनीता चौधरी के गलत व्यवहार की वजह से हुआ।