- Smriti Mandhana ने Australia में सेंचुरी जड़ रच दिया है इतिहास
- क्रिकेट के तीनों प्रारूपों में सबसे ज्यादा व्यक्गित स्कोर बनाने वाली पहली महिला खिलाड़ी बनी हैं स्मृति
- मुंबई के पूर्व पुलिस कमिश्नर की खोज अमीर और गरीब के बीच बढ़ गई खाई
नई दिल्ली: ओपिनियन इंडिया आज सबसे पहले बात होगी उस न्यूजमेकर की, जिनके आज के रिकॉर्ड ने क्रिकेट की दुनिया में विराट कोहली की बराबरी की है। हम बात कर रहे भारतीय महिला क्रिकेट टीम की ओपनर स्मृति मंधाना की। लेकिन मैं आज स्मृति की कामयाबी को सिर्फ विराट कोहली की उपलब्धियों के आइने में नहीं रखा जा सकता है, क्योंकि स्मृति मंधाना ने आज जब ऑस्ट्रेलिया में अपना पहला टेस्ट शतक जड़ा तो उन्होंने तुलनाओं के हर पैमाने को तोड़ते हुए भारत के क्रिकेट इतिहास में अपना अलग जगह बनाई है। इसके अलावा आज बात होगी कि जांच के दायरे में होने के बावजूद परमबीर सिंह के गायब होने के क्या मतलब है ? किसान आंदोलन खत्म होने वाला है ? लोगों को जाम से मुक्ति मिलेगी ?
स्मृति का रिकॉर्ड
स्मृति ऑस्ट्रेलिया में टेस्ट शतक जड़ने वाली पहली भारतीय महिला बन गई हैं। इस दमदार शतक से भारत ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ खेले जा रहे पहले डे नाइट पिंक बॉल टेस्ट में मजबूत स्थिती में आ पहुंच गया है। पहली नॉन इंग्लिश महिला बल्लेबाज हैं जिन्होंने कंगारूओं की धरती पर शतक लगाया है।
ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ भारत की तरफ से क्रिकेट के तीनों प्रारूपों में सबसे ज्यादा व्यक्गित स्कोर बनाने वाली पहली महिला खिलाड़ी हैं। ये वो परफॉर्मर है जिसने 15 साल की उम्र में अपने बाकी दोस्तों से अलग साइंस ना पढ़कर क्रिकेट खेलने का फैसला किया। और 19 साल की उम्र तक वो भारत की तरफ से खेलने वाले उन क्रिकेटर्स में से एक थीं जो इंग्लैंड और ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ शानदार जीत के चैंपियन रहे।
खास बात रखती हैं किट में
मंधाना को जानने वाले बताते हैं कि एक बैट है जो मंधाना अपनी किट में रखती हैं लेकिन उससे खेलती नहीं। ये बैट दरअसल राहुल द्रविड का साइन्ड बैट है जो स्मृति के भाई को मिला था। महाराष्ट्र अंडर 16 के लिए स्मृति के भाई तैयारी करते थे और स्मृति उनकी प्रैक्टिस देखने जाया करती थी। लेकिन देखिए वक्त का पहिया ऐसा घूमा कि भाई अंडर 19 तक खेले लेकिन भाई से प्रेरणा लेकर बैट पकड़ने वाली स्मृति हर नए मुकाबले में अपना पिछला बेंचमार्क तोड़ते हुए एक लंबी रेस में बहुत आगे निकल चुकी हैं।
अब बात किसान आंदोलन पर सड़क जाम कर रहे किसानों पर सुप्रीम कोर्ट की सख्त टिप्पणी की
कोर्ट ने कहा कि किसानों ने दिल्ली का गला घोंट दिया है। दरअसल किसानों ने जंतर मंतर पर प्रदर्शन की इजाजत मांगी थी। इसी पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि उन्हें शहर के अंदर प्रदर्शन की इजाजत नहीं दी जा सकती। लेकिन किसान हैं कि मानने को तैयार नहीं हैं। आज हरियाणा के झज्जर में किसानों ने डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला को घेरकर प्रदर्शन करने की कोशिश की। हालात इतने खराब हो गए कि पुलिस को वॉटर कैनन का इस्तेमाल करना पड़ा। तो सवाल ये है कि क्या आंदोलन खत्म नहीं होगा। क्या किसान नहीं मानेंगे खासकर सुप्रीम कोर्ट की इस सख्त टिप्पणी के बाद भी।
पहले भी टिप्पणी कर चुका है कोर्ट
ये कोई पहली बार नहीं है जब सुप्रीम कोर्ट ने किसान आंदोलन को लेकर सख्त टिप्पणी की हो। 9 महीने के अंदर सर्वोच्च अदालत ने इस मामले में कई बार सरकार और किसानों को आंदोलन खत्म करने को कह चुकी है। तो रोज हजारों करोड़ रुपए का नुकसान तो हो ही रहा है। लेकिन सबसे ज्यादा नुकसान जनता का हो रहा है। दिल्ली एनसीआर की वो जनता जो सड़क जाम होने से मिनटों के सफर को घंटों में तय करने को मजबूर है।
मुझे लगता है कि अब वक्त आ गया है जब किसान आंदोलन का हल निकलना चाहिए। रास्ता कोई भी हो। लेकिन निदान निकलना जरूरी है। सरकार और किसानों को आपस में बैठकर फिर से बात करने की जरूरत है। ताकि इसका समाधान निकल सके। क्योंकि आंदोलन अनंतकाल तक नहीं चल सकता। इससे ना सिर्फ देश का विकास प्रभावित हो रहा है बल्कि आम लोगों को मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है।