- भारत और जापान की दोस्ती का नायाब नमूना है रुद्राक्ष कन्वेंशन सेंटर
- जापानी व भारतीय वास्तु शैलियों का दिखता है संगम
- शिवलिंग की आकृति वाला है वाराणसी का रूद्राक्ष कन्वेंशन सेंटर
वाराणसी: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी का दौरा किया और इस दौरान उन्होंने वाराणसी को कई सौगातें दी। वाराणसी में उन्होंने भारत और जापान की दोस्ती के प्रतीककन्वेंशन सेंटर रुद्राक्ष का उद्घाटन किया। यह वहीं सेंटर है जिसे 2015 में भारत दौरे पर आए तत्कालीन प्रधानमंत्री शिंजो आबे ने VICCC प्रोजक्ट के रूप में भारत को तोहफा दिया था। जापानी कंपनी फुजिता कॉरपोरेशन ने इसे तैयार किया है।
क्या है खासियत
- 2.87 हेक्टेयर जमीन पर फैले इस कन्वेंशन सेंटर की छत शिवलिंग के आकार की है और इसमें एल्युमिनियम के108 रुद्राक्ष लगाए गए हैं। इसमें एकसाथ 1,200 लोग बैठ सकते हैं।
- सेंटर को भारत तथा जापान की संस्कृति को ध्यान में रखकर बनाया गया है जिसमें फूल, बांस, कंकड़ चीनी मिट्टी के बर्तन, भूसे से सजावट की गई है। हाल को लोगों की संख्या के अनुरूप दो हिस्सों में बांटने की व्यवस्था है।
- पूर्णत: वातूनुकुलित सेंटर में बड़े हाल के अलावा 150 लोगों की क्षमता का एक मीटिंग हाल है। इसके अतिरिक्त यहां एक वीआइपी कक्ष, चार ग्रीन रूम भी हैं। पार्किंग सुविधा संग सीसीटीवी कैमरे हैं। सौर ऊर्जा की भी व्यवस्था की गई है।
- रुद्राक्ष में छोटा जैपनीज गार्डन बनाया गया है। 110 किलोवाट की ऊर्जा के लिए सोलर प्लांट लगा है। वीआईपी रूप और उनके आने-जाने का रास्ता भी अलग से है।
- रुद्राक्ष को वातानुकूलित रखने के लिए इटली के उपकरण लगे है। दीवारों पर लगे ईंट भी ताप को रोकते और कॉन्क्रीट के साथ फ्लाई ऐश का भी इस्तेमाल किया गया है।
पीएम मोदी ने कही ये बात
रूद्राक्ष सेंटर का उद्घाटन करने के बाद पीएम मोदी ने कहा, 'काशी के बारे में तो कहते ही हैं, बाबा की ये नगरी कभी थमती नहीं, कभी थकती नहीं, कभी रुकती नहीं! विकास की इस नई ऊंचाई ने काशी के इस स्वभाव को एक बार फिर सिद्ध कर दिया है। कोरोनाकाल में जब दुनिया ठहर सी गई, तब काशी संयमित तो हुई, अनुशासित भी हुई, लेकिन सृजन और विकास की धारा अविरल बहती रही। काशी के विकास के ये आयाम, ये ‘इंटरनेशनल को-ऑपरेशन एंड कन्वेंशन सेंटर- रुद्राक्ष’ आज इसी रचनात्मकता का, इसी गतिशीलता का परिणाम है।'