- बीजेपी ने अपने कार्यकर्ताओं की हत्या के विरोध में किया था प्रदर्शन
- कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद बोले, वाटर कैनन में केमिकल के इस्तेमाल की जानकारी मिली
- पश्चिम बंगाल सरकार ने बीजेपी के आरोपों को नकारा, वाटर कैनन में केमिकल नहीं बल्कि रंग था
कोलकाता। सियासत की भाषा और रंग एक जैसा ही होता है। यह अलग अलग बात है कि राजनीतिक दल अपने हिसाब से व्याख्या करते हैं। पश्चिम बंगाल में बीजेपी ने अपने कार्यकर्ताओं की हत्या के विरोध में नबन्ना चलो का न सिर्फ ऐलान किया था बल्कि बीजेपी ने हावड़ा ब्रिज पर घंटों सेवा बाधित रखी। प्रदर्शनकारियों को हटाने के लिए पुलिस की तरफ से वाटर कैनन का इस्तेमाल किया गया। लेकिन वाटर कैनन के पानी पर अब विवाद है। बीजेपी का कहना है कि उस पानी में केमिकल मिला हुआ था लेकिन पश्चिम बंगाल सरकार की तरफ से सफाई आ चुकी है।
वाटर कैनन में केमिकल नहीं रंग था
पश्चिम बंगाल के चीफ सेक्रेटरी ए बंद्योपाध्याय ने बीजेपी के आरोपों को साफ तौर पर नकार दिया और कहा कि पानी में केमिकल नहीं बल्कि कलर था। इस तरह के कलर का इस्तेमाल के पीछे वजह यह होती है कि जो लोग उपद्रव की कार्रवाई में हों उनकी धरपकड़ की जा सके। बीजेपी की तरफ से गलत जानकारी दी जा रही है। उन्होंंने कहा कि विरोध करने का अधिकार हर किसी को है। लेकिन कानून व्यवस्था बनाए रखने की जिम्मेदारी सरकार की है।
ममता जी का दमनचक्र जारी
केंद्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा कि उन्हें जानकारी मिली है कि पानी में केमिकल मिला हुआ था और उसकी वजह से लोगों को उल्टियां हो रही थी। उन्होंने कहा कि अब तो ममता सरकार विरोध के लोकतांत्रिक अधिकार को भी छीन रही है। बीजेपी के कार्यकर्ताओं की जिस तरह से हत्या हो रही है
उससे एक बात साफ है कि ममता दी को अब डर सता रहे है कि सत्ता उनके हाथ से चली जाएगी। इसके साथ ही युवा मोर्चा के अध्यक्ष तेजस्वी सूर्या ने कहा कि बंगाल सरकार की दमनकारी नीति के खिलाफ उनकी लड़ाई जारी रहेगी।