अलवर मॉब लिंचिंग को लेकर बीजेपी वार कर रही है कांग्रेस डिफेंसिव हो रही है लेकिन सियासत रुक नहीं रही ऐसे में सवाल ये उठता है कि आखिर सियासतदां किसी की मौत पर भी राजनीति करना कब बंद करेंगे वो ऐसे मामलों में सियासत से ऊपर कैसे उठेंगे क्योंकि ये अब जरूरी हो गया है, ये आपको राजस्थान में मॉब लिंचिंग के हालिया आंकड़े देखकर साफ हो जाएगा-
- 1 जुलाई 2021- झालावाड़ में रॉड से पीटकर दलित की हत्या
- 14 जून 2021-चित्तौड़गढ़ में गो-तस्करी के शक में युवक की हत्या
- 22 सितंबर 2019-झालावाड़ में दलित की पीट-पीटकर हत्या
- 20 जुलाई 2018-अलवर में गो-तस्करी में शक में युवक की हत्या
- 5 अप्रैल 2017-अलवर में पहलू खान को 200 लोगों से पीटकर मार डाला
- 10 नवंबर 2017-अलवर में गो रक्षकों ने उमर खान को गोली मार दी
- 20 मई 2015- मीटशॉप चलाने वाले 60 साल के बुज़ुर्ग की पीटकर हत्या
राजस्थान ही नहीं बीते कुछ सालों में देशभर के आंकड़े देखें तो साल दर साल लिंचिंग के आंकड़े बढ़ते ही जा रहे हैं...
- 2014-3 मामले, 11 लोग जख्मी
- 2015-12 मामले,10 की हत्या,48 जख्मी
- 2016-24 मामले,58 मौत
- 2017-37 मामले,11 की मौत,152 जख्मी
2018 में दर्जनों सांसदों ने मॉब लिंचिंग पर संसद में सरकार से सवाल किया, तब गृह मंत्रालय ने कहा कि सरकार ऐसे मामले की जानकारी नहीं रखती..
अलवर के बाद अब खबर दिल्ली की- जहां एक 17 साल के लड़के की मौत के बाद परिवार ने पड़ोस में रह रहे दूसरे समुदाय के परिवार पर आरोप लगाया है, दरअसल पुलिस को 18 सितंबर को एक कॉल मिली की शालिमार बाग इलाके में एक लड़के की लाश पेड़ से लटकी मिली, पुलिस ने पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट के बाद डेडबॉडी परिवार को सौंप दी, शुरुआत में परिवार चुप था लेकिन बाद में परिवार ने बच्चे की मौत का आरोप पड़ोस में ही रहने वाले दूसरे समुदाय के एक परिवार पर लगा दिया.. परिवार ने मृतक के फोन में पड़े मैसेज देखने के बाद ये आरोप लगाया है...
देखिए इस अहम मुद्दे पर 'टाइम्स नाउ नवभारत' का 'Logtantra Show'-