- धार्मिक ट्रस्टों में पड़े सोने इस्तेमाल करे सरकार वाले अपने बयान घिरे पृथ्वीराज चव्हाण
- मामला तूल पकड़ता देख दी सफाई, बोले- मैंने कोई नहीं बात नहीं कही है
- पृथ्वीराज च्वहाण ने अपना पक्ष रखते हुए अटल बिहारी वाजपेयी के कार्यकाल का दिया उदाहरण
मुंबई: महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पृथ्वीराज चव्हाण ने गुरुवार को एक ट्वीट कर सरकार से देश के धार्मिक ट्रस्टों में रखी सोने की सभी बेकार वस्तुओं का उपयोग करने का आग्रह किया था। च्वहाण ने जैसे ही यह बयान दिया तो बीजेपी के साथ-साथ संत समाज भी भड़क गया। भाजपा के आध्यात्मिक आघाडी के सहसंयोजक आचार्य तुषार भोसले ने च्वहाण पर निशाना साधते हुए पूछा है कि मंदिर आपकी निजी मिल्कियत है क्या? अपने बयान पर घिरने के बाद अब च्वहाण ने सफाई दी है।
बयान पर दी सफाई
च्वहाण ने गुरुवार को एक वीडियो संदेश के जरिए बयान जारी करते हुए कहा, 'कोरोना महामारी के चलते देश में जो आर्थिक संकट पैदा हुआ है, उसके चलते देश के विभिन्न व्यक्तियों और धार्मिक संस्थाओं के पास जो सोना पड़ा हुआ है उसको बैंकों में जमा करने की अपील, जो कि कर्ज के रूप में एक दो प्रतिशत ब्याज देकर। लेकिन कछ समाज विरोधी तत्वों ने मेरी सूचना को तोड़ मरोड़कर समाज में दरार पैदा करने की कोशिश की।'
बाजपेयी और मोदी कर चुके हैं लागू- च्वहाण
च्वहाण ने कहा, 'मैंने जो सूचना दी है वो कोई नहीं सूचना नहीं है। पहली बार इस प्रकार की योजना 1998 के पोखरण परमाणु विस्फोट के बाद पैदा हुए आर्थिक हालात का मुकाबला करने के लिए अटल बाजपेयी ने गोल्ड डिपोजिट स्कीम आरंभ की थी। इसके चलते सरकार के पास सोना रखा गया। इसके बाद नंवबर 2015 में पीएम मोदी ने इस योजना में बदलाव शुरू की और गोल्ड मॉनिटाइजेशन स्कीम शुरू की। इस योजना में पहले साल के दौरान देश के 8 मंदिरों नेअपने पास रखा हुआ सोना अलग-अलग बैंकों में रखा जिसकी जानकारी वित्त मंत्री ने भी दी।'
मेरे बयान का निकाला गया गलत अर्थ
च्वहाण ने कहा कि कुछ असामाजिक तत्वों ने उनके सुझाव का गलत मतलब निकालकर धार्मिक दरार पैदा करने की कोशिश की है। उन्होंने कहा कि ऐसे लोगों के खिलाफ मैं उचित कानूनी कार्यवाही करूंगा। इससे पहले च्वहाण के बयान पर बीजेपी सहित तमाम धार्मिक संगठनों ने विरोध जताया था। स्वामी परमहंस और महंत कमल नयन दास ने इस पर तीखी प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि इससे पहले कि धमार्थ न्यासों से सोना लिया जाए, यह जरूरी है कि कांग्रेस नेताओं ने जो संपत्ति गलत तरीके से जमा की है, उसे जब्त किया जाए।
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