- पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने आज बुलाई कैबिनेट बैठक
- बैठक में सिद्धू गुट के विधायक मंत्री भी रह सकते हैं मौजूद, हंगामेदार रह सकती है बैठक
- सिद्धू गुट के विधायक कर रहे हैं मुख्यमंत्री बदलने की मांग
चंडीगढ़: अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले पंजाब कांग्रेस (Punjab Congress) में कलह खत्म होने का नाम नहीं ले रही है। पार्टी में जारी घमासान के बीच आज मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कैबिनेट की बैठक बुलाई है। इस बैठक में सिद्ध गुट के विधायक और मंत्री भी मौजूद रहेंगे। सबकी नजर इस बात पर होगी कि मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह का अगला कदम क्या होगा? क्या सीएम द्वारा सिद्धू गुट की बात मान ली जाएगी, इसका जवाब भी आज मिल सकता है।
कैप्टन को मिला ग्रीन सिग्नल
पंजाब कांग्रेस में जारी कलह के बीच यह कैबिनेट बैठक आज दोपहर 3.30 बजे बुलाई गई है। कैप्टन अमरिंदर सिंह की अध्यक्षता में होने वाली इस बैठक में कैप्टन और सिद्धू दोनों गुट के विधायक शामिल होने वाले हैं। ऐसे में हंगामा होना तो तय माना जा रहा है। खबर है कि मीटिंग से पहले सोनिया गांधी ने कैप्टन अमरिंदर सिंह को कार्रवाई करने का ग्रीन सिग्नल मिल चुका है तो क्या ऐसे में मान लिया जाए सिद्धू गुट के विधायकों पर कार्रवाई होगी
या अमरिंदर-सिद्धू के बीच सुलह होगी?
कांग्रेस विधायक ने दिए संकेत
मीटिंग में क्या होगा वो तो बैठक के बाद ही सामने आएगा लेकिन टाइम्स नाउ नवभारत के कैमरे पर कांग्रेस विधायक राजकुमार वर्का ने बागियों को लेकर जो कहा उससे तो कुछ और ही लग रहा है। कांग्रेस विधायक राजकुमार वर्का के अपने बयान में जो कुछ कहा है उससे यही लग रहा है कि कैबिनेट की मीटिंग में ही बागी विधायकों के खिलाफ कार्रवाई होने वाली है.. खैर इसका जवाब भी मीटिंग के बाद ही मिलेगा।
बागियों को झटका!
इधर असंतुष्ट विधायक कल देहरादून में पंजाब कांग्रेस के प्रभारी हरीश रावत से मुलाकात करने गए थे। मुलाकात के बाद हरीश रावत ने भी कैप्टन के पक्ष में बड़ा बयान दिया है। रीश रावत ने बुधवार को कहा कि अगले साल होने वाला पंजाब विधानसभा चुनाव मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह के नेतृत्व में लड़ा जाएगा। उनका यह बयान नवजोत सिंह सिद्धू खेमे के उन मंत्रियों को एक झटका है जो मुख्यमंत्री को हटाने की मांग कर रहे हैं ।