- कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा कि वह विपक्ष के नेता हैं और लोगों की आवाज उठाते हैं
- राहुल ने जासूसी को 'राजद्रोह' बताते हुए गृह मंत्री अमित शाह से इस्तीफा देने की मांग की है
- पेगासस जासूसी कांड के खिलाफ शुक्रवार को लोकसभा में विपक्ष के सदस्यों ने किया हंगामा
नई दिल्ली : कथित पेगासस जासूसी मामले में कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने सरकार पर अपना हमला तेज कर दिया है। राहुल ने शुक्रवार को आरोप लगाते हुए कहा कि उनका फोन टेप हुआ। वह लोगों की आवाज उठाते हैं इसलिए ये लोगों की आवाज पर हमला है। कांग्रेस नेता ने गृह मंत्री अमित शाह के इस्तीफे और सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जांच कराए जाने की मांग की। इससे पहले, राज्यसभा के चेयरमैन वेंकैया नायडू ने आईटी मंत्री अश्विनी वैष्णव के हाथ से कागज फाड़ने के लिए तृणमूल कांग्रेस के सांसद शांतनू सेन को मानसून सत्र की शेष अविध के लिए निलंबित कर दिया। पेगासस मामले में विपक्ष के हंगामे की वजह से लोकसभा की कार्यवाही 26 जुलाई तक स्थगित कर दी गई है।
'यह पूरा मामला राजद्रोह का है'
संसद के बाहर मीडिया से बातचीत में राहुल गांधी ने कहा, 'उन्होंने इसका राजनीतिक उपयोग किया है। इसका इस्तेमाल उन्होंने कर्नाटक में किया। जांच को प्रभावित करने और सुप्रीम कोर्ट के खिलाफ इसका इस्तेमाल हुआ। उन्होंने देश की सभी संवैधानिक संस्थाओं के खिलाफ इसका इस्तेमाल किया है। इस पूरे मामले के लिए एक शब्द है, वह राजद्रोह है।' उन्होंने आगे कहा, 'मेरा फोन को टेप किया गया। यह राहुल गांधी की निजता का मामला नहीं है। मैं विपक्ष का नेता हूं और मैं लोगों की आवाज उठाता हूं। यह लोगों की आवाज पर हमला है। इसके लिए गृह मंत्री को इस्तीफा देना चाहिए और सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में नरेंद्र मोदी की जांच होनी चाहिए।'
सरकारों पर लगे हैं जासूसी के आरोप
हालांकि, इजरायल कंपनी एनओएस के पेगासस स्पाईवेयर से जासूसी कराने के विपक्ष के आरोपों को सरकार ने खारिज किया है। पेगासस की रिपोर्ट को द वायर ने 16 अन्य अंतरराष्ट्रीय मीडिया समूहों के साथ मिलकर प्रकाशित किया है। इस रिपोर्ट में दावा किया गया है कि भारत सरकार ने अपने यहां पत्रकारों, राजनीतिज्ञों सहित 300 से ज्यादा लोगों की जासूसी कराई। हालांकि, एमनेस्टी इंटरनेशनल का कहना है कि वह पक्के तौर पर यह नहीं कह सकती कि लिस्ट में संभावित नाम पेगासस के ही हैं।