- राहुल गांधी ने कांस्टीट्यूशन क्लब में मंगलवार सुबह विपक्षी नेताओं को नाश्ते पर आमंत्रित किया है
- इसमें नाश्ते पर सरकार पर दबाव बनाने और उसे घेरने को लेकर चर्चा
- सरकार को घेरने पर बातचीत के अलावा यूपी में होने वाले विधानसभा चुनावों पर भी बात
नई दिल्ली: कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने विपक्षी नेताओं के साथ मिलकर सरकार को घेरने की रणनीति पर चर्चा के लिए मंगलवार सुबह बैठक बुलाई है, इसे 'ब्रेकफॉस्ट पॉलिटिक्स' (Breakfast Politics) बताया जा रहा है राहुल गांधी ने कांस्टीट्यूशन क्लब में मंगलवार सुबह विपक्षी नेताओं को नाश्ते पर आमंत्रित किया है।
कांग्रेस पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी के न्योते पर पहुंचे विपक्षी दलों के साथ इस वक्त एकसाथ नाश्ता कर रहे हैं, राहुल गांधी द्वारा इसके लिए कई विपक्षी दलों को न्योता भेजा गया था लेकिन आम आदमी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी के सांसद नहीं पहुंचे।
विपक्षी नेताओं के साथ बैठक में कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा-मेरे विचार से सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि हम इस शक्ति को एक करते हैं। यह आवाज (जनता की) जितनी एकजुट होगी, यह आवाज उतनी ही शक्तिशाली होगी, भाजपा-आरएसएस के लिए इसे दबाना उतना ही मुश्किल होगा।
विपक्षी सांसद इस बैठक में कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा कि विपक्षी पार्टियां आपस में बहस कर सकती हैं, पेट्रोल-डीजल के मसले पर हम सभी को आवाज उठानी चाहिए।
विपक्ष की बैठक में कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि सरकार हमारी बात नहीं सुन रही है, हमें सड़क से लेकर संसद तक लड़ाई लड़नी होगी।
वहां करीब 100 से ज्यादा सांसद पहुंचे हैं, जिनमें कांग्रेस के अलावा, एनसीपी, टीएमसी, शिवसेना, राजद, सपा, सीपीआई, सीपीएम, मुस्लिम लीग, आरएसपी, केसीएम, जेएमएम, डीएमके, नेशनल कॉन्फ्रेंस, एलजेडी के सांसद शामिल हैं।
यूपी चुनाव को देखते हुए पार्टियों को एक साथ लाने की कोशिश
गौर हो राहुल गांधी यूपी चुनाव को देखते हुए तमाम पार्टियों को एक साथ लाने की कोशिश में लगे हुए हैं, हाल ही में सपा राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा था कि कांग्रेस ये तय करे कि उसे यूपी में चुनाव बीजेपी से लड़ना है या फिर समाजवादी पार्टी से, माना जा रहा है सरकार को घेरने पर बातचीत के अलावा यूपी में होने वाले विधानसभा चुनावों पर भी बात हो सकती है।
जिन पार्टियों और नेताओं को ब्रेकफॉस्ट करने का न्योता दिया गया था उनमें शामिल हैं- एनसीपी, टीएमसी, डीएमके के अलावा समाजवादी पार्टी, राष्ट्रीय जनता दल,आम आदमी पार्टी, सीपीआईएम, सीपीआई, नेशनल कॉन्फ्रेंस, आईयूएमएल, आरएसपी, केसीएम और वीसीके शामिल हैं।
"सरकार को पेगासस के मामले पर संसद में चर्चा करानी चाहिए"
इससे पहले, संसद भवन में राज्यसभा के नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के कक्ष में प्रमुख विपक्षी नेताओं ने बैठक की, सूत्रों ने बताया कि इस बैठक में शामिल नेताओं ने इस बात पर जोर दिया कि सरकार को पेगासस के मामले पर संसद में चर्चा करानी चाहिए और वे इस मांग को पुरजोर ढंग से उठाते रहेंगे।
संसद की कार्यवाही का मॉक पार्लियामेंट करने का सुझाव
कुछ नेताओं ने सरकार के रुख के विरोध में संसद की कार्यवाही का सांकेतिक आयोजन (मॉक पार्लियामेंट) करने का सुझाव दिया है। माना जा रहा है कि विपक्षी नेताओं की मंगलवार की बैठक में इस पर कोई फैसला होगा।राहुल गांधी ने विपक्षी नेताओं को ऐसे समय नाश्ते पर बुलाया है जब पेगासस और कुछ अन्य मुद्दों को लेकर पिछले कई दिनों से संसद के दोनों सदनों में गतिरोध बना हुआ है। उन्नीस जुलाई से मॉनसून सत्र आरंभ हुआ था, लेकिन अब तक दोनों सदनों की कार्यवाही बाधित रही है।
संसद का मौजूदा मानसून सत्र 19 जुलाई से चल रहा है
विपक्षी दलों का कहना है कि पेगासस जासूसी मुद्दे पर पहले चर्चा कराने के लिए सरकार के तैयार होने के बाद ही संसद में गतिरोध खत्म होगा। संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने विपक्ष की मांग को खारिज करते हुए शुक्रवार को लोकसभा में कहा कि यह कोई मुद्दा ही नहीं है।गौरतलब है कि संसद का मौजूदा मानसून सत्र 19 जुलाई से चल रहा है जिसमें लगातार हंगामा हो रहा है।