'राष्ट्रवाद, देश से बढ़कर कुछ नहीं' में आज बात हुआ पीएम मोदी के उस ऐलान कि जिस पर अब सियासत तेज हो गई है। 14 अगस्त 1947 को जब देश के दो टुकड़े हुए थे, भारत और पाकिस्तान दो अलग मुल्क बने थे, पीएम मोदी ने उस नफरत और हिंसा में मारे गए लाखों लोगों के बलिदान को याद किया है। पीएम मोदी ने आजादी के जश्न से पहले बलिदान को याद करने की बात कही है और उसी याद में 14 अगस्त को बलिदान विभीषिका दिवस मनाने का ऐलान किया है। पीएम मोदी ने कहा कि ये दिन हमें भेदभाव, वैमनस्य और दुर्भावना के जहर को खत्म करने के लिए न केवल प्रेरित करेगा, बल्कि इससे एकता, सामाजिक सद्भाव और मानवीय संवेदनाएं भी मजबूत होंगी।
प्रधानमंत्री मंत्री ने उस बलिदान को याद करने का संदेश दिया लेकिन इस पर भी सियासत तेज हो गई। विभाजन की जिम्मेदार कांग्रेस ने पीएम मोदी के इस ऐलान के साथ-साथ संघ पर भी सवाल उठा दिए। कांग्रेस बीजेपी पर हमलावर हुई तो बीजेपी ने भी पलटवार किया। एक तरफ बीजेपी ने पीएम के फैसले को सही बताया तो दूसरी तरफ कांग्रेस पर हमला करते हुए विभाजन के लिए कांग्रेस को जिम्मेदार ठहराया।
आजादी के लिए अपना सबकुछ लूटाकर बलिदान करने वालों पर सियासत हो रही है। ऐसे में सवाल हैं कि
पीएम मोदी के ऐलान से विपक्ष क्यों परेशान?
पीएम का फैसला बंटवारे की राजनीति करने वालों पर चोट?
आजादी के 'बलिदान' पर विपक्ष की सियासत क्यों?
फैसले पर सवाल उठाने वाली कांग्रेस ने 70 साल में क्या किया?
14 अगस्त 1947 को क्या हुआ?
देश का दो हिस्सों में बंटवारा हुआ
एक हिस्सा हिंदू बहुल भारत बना
दूसरा हिस्सा मुस्लिम बहुल पाकिस्तान बना
युद्ध या सूखे से अलग होने वाला सबसे बड़ा पलायन
करीब एक करोड़ 20 लाख लोग विस्थापित हुए
10 लाख लोग धार्मिक हिंसा में मारे गए
हजारों महिलाओं का अपहरण और रेप हुआ
सिरील रेडक्लिफ ने तैयार किया बंटवारे का नक्शा
विभाजन के दौरान लाखों मुस्लिम पाकिस्तान गए
पाकिस्तान से लाखों हिंदू भारत आए