'सवाल पब्लिक का' में बात हुई असदुद्दीन ओवैसी की राजनीति पर। पिछले तीन दिनों से उत्तर प्रदेश में ओवैसी हुंकार भर रहे हैं। किसी को नहीं छोड़ा है। मोदी, योगी, अखिलेश, मुलायम, बीएसपी सब पर आग उगल रहे हैं। लेकिन बोलते-बोलते आज ओवैसी साहब हद पार कर गए और सीधे मंच से मुसमलानों को नाम लेकर उकसाया। उन्होंने कहा कि अगर 11 प्रतिशत यादव मुख्यमंत्री बना सकते हैं, तो क्या 19 प्रतिशत मुसलमान अपने 19 विधायक मजलिस के नहीं कामयाब कर सकते? मैं पैगाम दे रहा हूं उत्तर प्रदेश के 19 फीसदी मुसलमानों को। अगर 11 फीसदी यादवों ने मुलायम सिंह यादव और अखिलेश यादव को अपना मुख्यमंत्री बनाया, तो क्या इस आने वाले चुनाव में 19 फीसदी मुसलमान क्या मजलिस के विधायकों को कामयाब नहीं कर सकते? करेंगे इंशा अल्लाह ताला
ओवैसी साहब आगबबूला हैं। क्यों भाई साहब..लोकतंत्र है..जनता जिसे चुने वो CM बनेगा। यादव CM के लिए वोट दिया वो CM बना। खैर जवाब समाजवादी पार्टी को देना चाहिए लेकिन अखिलेश यादव की पार्टी अभी यूपी में ओवैसी को लेकर भारी कन्फ्यूजन में है। उन्हें लगता है कि ओवैसी को जवाब देकर उनकी तौहीन न हो जाए। लगता है कि जवाब दें या न दें ये सोचते-सोचते बहुत देर न हो जाए। खैर ये उनकी कॉल है। ओवैसी साहब वैरिस्टर हैं। लंदन रिटर्न वैरिस्टर हैं।
धर्म के आधार पर वोट देने की कोई भी अपील चुनावी कानूनों के तहत भ्रष्ट आचरण के बराबर है।
SC की रुलिंग- 2 जनरी 2017 ( 7 जजों की पीठ)
प्रत्याशी या उसके समर्थकों के धर्म, जाति, समुदाय, भाषा के नाम पर वोट मांगना गैर कानूनी है। चुनाव पूरी तरह धर्मनिरपेक्ष पद्धति है। अगर कोई उम्मीदवार ऐसा करता है तो ये जनप्रतिनिधित्व कानून के तहत भ्रष्ट आचरण माना जाएगा। यह जनप्रतिनिधित्व कानून 123 (3) के अंतर्गत संबद्ध होगा।
सवाल पब्लिक का है
- उत्तर प्रदेश में ओवैसी धर्मकांटा लेकर वोट मांगेंगे?
- यादव CM से क्यों दिक्कत..वोट के लिए क्यों नफरत फैला रहे?
- CM क्या जाति-धर्म देखकर बनेगा..फिर लोकतंत्र कैसे चलेगा?