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Singhu Border Case: 'आंदोलन के बीच ऐसी घटना, कौन क्या कर सकता है', राकेश टिकैत के बोल

Updated Oct 16, 2021 | 18:00 IST

सिंघु बार्डर हत्या केस में क्या संयुक्त किसान मोर्चा राजनीति कर रहा है। राकेश टिकैत के मुताबिक सिंघु बार्डर पर जो कुछ हुआ वो एक हादसा था।

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मुख्य बातें
  • सिंघु बार्डर पर लखबीर सिंह नाम के शख्स की हुई थी हत्या
  • हत्या के केस में आरोपी निहंग जेल में
  • संयुक्त किसान मोर्चा ने खुद को पूरे प्रकरण से किया है अलग

सिंघु बॉर्डर पर जहां किसानों का आंदोलन चल रहा है उसके पास ही में शुक्रवार को  लखबीर नाम के एक शख्स का बेरहमी से कत्ल कर दिया गया उसके हाथ काट दिए गए। वो जान की भीख मांगता रहा लेकिन उसका क्रूरता से कत्ल कर दिया ।किसान मंच के पास ये हत्या की गई तो खुद को किसान आंदोलन का मसीहा कहने वाले राकेश टिकैत इस क्रूर हत्या को हादसा बता रहे हैं।

सिंघु बॉर्डर पर कल लखबीर नाम के शख्स का कत्ल लखबीर के हाथ काटे थे...बैरिकेट से लटकाया था पुलिस ने कल ही एक आरोपी को गिरफ्तार किया आज कोर्ट ने आरोपी सरबजीत को 7 दिन की रिमांड पर भेजा किसान संगठन ने क्रूर हत्या से पल्ला झाड़ा राकेश टिकैत ने हत्या को हादसा बताया कांग्रेस सिंघु बॉर्डर पर हुई हत्या पर चुप मायावती ने पंजाब के सीएम से मृतक के परिवार को मुआवजे की मांग की 
कांग्रेस बताए तालिबानी सोच के साथ खड़ी है.

सिंघु बॉर्डर हत्या केस में कई  सवाल 
सिंघु बॉर्डर पर बेरहमी से मर्डर... हादसा कैसे ?
आयोजकों की नहीं तो किसकी जिम्मेदारी ?
लखीमपुर पर आक्रोश...सिंघु बॉर्डर पर कांग्रेस खामोश ?
विपक्ष का कत्ल पर ये कैसा सेलेक्टिव अप्रोच ?

'मर्डर' राकेश टिकैत के लिए हादसा ?
'आंदोलन के बीच ऐसी घटना, कौन क्या कर सकता है'
'सड़क पर एक्सीडेंट हो, कौन क्या कर सकता है '
'ये कोई सबका प्लान नहीं है' 
'आंदोलन में किसी ने सुसाइड किया तो व्यक्तिगत निर्णय'

लखबीर के परिवार का दर्द
लखबीर सिंह की हत्या पर उसके चाचा का कहना है कि यह बात सच है कि वो नशे का आदी था। अपनी बहन से 50 रुपए लेकर निकला था। लेकिन किसी को यह नहीं पता था कि वो सिंघू बॉर्डर पहुंच जाएगा। जहां तक गुरु ग्रंथ की बेअदबी का सवाल है वो ऐसा नहीं कर सकता। उसे जिस तरह से मारा गया उसके लिए जो लोग जिम्मेदार हैं उनके खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए। आप खुद सोच सकते हैं कि जिस समय उसका हाथ काटा हो गया किस पीड़ा से गुजरा होगा। 

लखबीर की पत्नी जसप्रीत कौर और 12, 11 तथा आठ साल की तीन बेटियां पवित्र शहर अमृतसर से करीब 50 किमी दूर गांव चीमा कलां में एक छोटे से कच्चे मकान में रहती हैं। उनके बेटे की दो साल पहले मौत हो गई थी।जब लखबीर जीवित थे तब परिवार मुश्किल से दिन में दो वक्त के भोजन का प्रबंध कर पाता था और अपनी आजीविका के लिए गांव के खेतों में या तरनतारन जिले की अनाज मंडी में काम करता था।

अब लखबीर के परिवार की देखभाल कौन करेगा
लखबीर की बहन राज कौर कहती हैं, ''अब उनके परिवार की देखभाल के लिए कौन आगे आएगा और उनके बच्चों के भविष्य का क्या होगा..कौन उनकी मदद करेगा?'' लखबीर (35) का शव सिंघू बॉर्डर के पास पुलिस अवरोधक से बंधा मिला था, जहां किसान तीन केंद्रीय कृषि कानूनों के विरोध में प्रदर्शन कर रहे हैं। लखबीर के शरीर का बायां हाथ कटा हुआ था और उनके शव पर धारदार हथियारों से घाव के 10 से अधिक निशान थे।घटना के कुछ घंटे बाद, नीले वस्त्र पहने एक निहंग सिख सरबजीत सिंह ने दावा किया कि उसने गुरु ग्रंथ साहिब को ''अपवित्र'' करने के लिए लखबीर को ''दंडित'' किया था।

 

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