नई दिल्ली: तमिलनाडु से एक चौंकाने वाली खबर आई है, यहां एक सेवानिवृत्त डॉक्टर ने आरोप लगाया है कि उन्हें एक बैंक ने सिर्फ इसलिए लोन नहीं दिया, क्योंकि वे हिन्दी नहीं जानते हैं। अरियालुर जिले के जयमकोंडान के रहने वाले बालसुब्रह्मण्यन नाम के डॉक्टर ने आरोप लगाया कि गंगईकोंडा चोझा पुरम में इंडियन ओवरसीज बैंक की शाखा है, जहां वह पिछले 15 सालों से खाताधारक हैं। यहां हिन्दी नहीं जानने के लिए उनका ऋण आवेदन खारिज कर दिया गया।
लोन के लिए जरूरी सभी दस्तावेजों को उपलब्ध कराने के बावजूद बैंक मैनेजर ने कथित तौर पर कहा कि वह केवल हिन्दी जानता है और कथित तौर पर ऋण आवेदन की प्रक्रिया नहीं की।
डॉ. बालसुब्रह्मण्यन ने अब बैंक को कानूनी नोटिस भेजा और मानसिक पीड़ा पहुंचाने के लिए 1 लाख रुपए का मुकदमा दायर किया। इस पर प्रतिक्रिया देते हुए DMK के अध्यक्ष एमके स्टालिन ने शाखा प्रबंधक की कार्रवाई की निंदा की है और तमिलों की 'भावनाओं' के साथ नहीं खेलने की चेतावनी दी है।