- पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव से पहले टीएमसी को लग रहे हैं बड़े झटके
- एक और टीएमसी विधायक शीलभद्र दत्ता ने पार्टी को कहा अलविदा
- 2 बागी नेताओं के साथ कोलकाता रवाना हुए वरिष्ठ टीएमसी नेता जितेंद्र तिवारी
कोलकाता: पश्चिम बंगाल में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले सत्ताधारी तृणमूल कांग्रेस में बड़ी सेंधमारी होती दिख रही है और नेता लगातार पार्टी छोड़ रहे हैं। पार्टी के कद्दावर नेता शुभेंदु अधिकारी के पार्टी छोड़ने के बाद एक तरह से टीएमसी छोड़ने वाले नेताओं की लाइन सी लग गई है। अब 24 परगना जिले के बैरकपुर से पार्टी विधायक शीलभद्र दत्ता ने पार्टी को अलविदा कर दिया है। दत्ता ने अपना इस्तीफा टीएमसी सुप्रीमो और राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को भेजा है।
बागियों के साथ कोलकाता रवाना हुए जितेंद्र तिवारी
वहीं पश्चिम बंगाल विधानसभा के सदस्य और आसनसोल जिले के पूर्व टीएमसी प्रमुख जितेंद्र तिवारी 2 और बागी टीएमसी नेताओं के साथ आसनसोल से कोलकाता के लिए रवाना हो गए हैं। माना जा रहा है कि आने वाले दिनों में और भी कई नेता टीएमसी को अलविदा कह सकते हैं। जितेंद्र तिवारी ने कहा, 'जब राज्य सरकार को लगा कि मेरा जीवन कीमती है, तो इसने मुझे सुरक्षा दी। अब सरकार को लगता है कि मेरे जीवन का कोई मूल्य नहीं है, मेरी सुरक्षा को हटा दिया गया है।'
तिवारी ने बृहस्पतिवार दोपहर को संवाददाताओं से कहा, ‘मैंने आसनसोल नगर निगम प्रशासक मंडल के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया है। मुझे काम नहीं करने दिया जा रहा था, ऐसे में मैं इस पद को रख कर क्या करूंगा? इसलिए मैंने इस्तीफा दे दिया है।’
टीएमसी को लगातार लग रहे हैं झटके
इससे पहले पार्टी के कद्दावर नेता शुभेंदु अधिकारी ने इस्तीफा देते हुए अपनी नाराजगी जताई थी। शीलभद्र दत्ता ने अपने इस्तीफे में लिखा, 'मैं तृणमूल कांग्रेस की सदस्यता के साथ-साथ पार्टी में दिए गए अपने सभी पदों और संगठनों से तुरंत इस्तीफा दे रहा हूं। पार्टी द्वारा दिए गए अवसरों के लिए मैं धन्यवाद देता हूं। कृपया मेरा इस्तीफा स्वीकार करें।' विधानसभा चुनाव से पहले यह टीएमसी के लिए एक और बड़ा झटका माना जा रहा है।