कश्मीर बदल रहा है। वहां 30 साल बाद सिनेमा घर खुल गए हैं। विकास की तस्वीरें उम्मीद जगा रही हैं। लग रहा है लंबे समय बाद कश्मीर में खुशहाली लौट आयी है। लेकिन ऐसा लगता है कि पॉजिटिव बदलाव से वो लोग खुश नहीं जिनकी कश्मीर में सियासत की दुकान बंद हो रही है। जो लोग कश्मीर में पाकिस्तान का एजेंडा आगे बढ़ाते हैं और कश्मीर में हिंदुओं के नरसंहार पर चुप्पी साधे रहते हैं। वो लोग कश्मीर के इस बदलाव पर आंसू बहा रहे हैं।
हम बात कर रहे हैं। पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (PDP) की अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती की। जिन्हें स्कूलों में बापू का भजन भी रास नहीं आ रहा है। रघुपति राघव राजा राम, सबको सन्मति दे भगवान का ये भजन महबूबा को मुसलमानों पर अटैक लग रहा है। सुनिए उनका क्या कहना है।
सवाल पब्लिक का
1. कश्मीर में स्कूली बच्चों के भजन पर मजहबी कार्ड क्यों खेल रही हैं महबूबा?
2. कश्मीर में हो रहे विकास और बदलाव से क्या महबूबा डर गई हैं?