- 6700 पेट्रोल पंपों में से 4500 पंपों पर ताला जड़ने की नौबत
- पेट्रोल पंप मालिकों को केवल आठ घंटे पंप खुला रखने के निर्देश
- अग्रिम बुकिंग के बाद भी दो से तीन दिन में तेल पंपों पर पहुंच रहा
Jaipur Fuel Crisis: केंद्र सरकार ने तेल की कीमतों को कंट्रोल करने के लिए एक्साइज ड्यूटी क्या घटाई कि अब प्रदेश में तेल संकट गहराने की आहट सुनाई देने लगी है। प्रदेश में दो बड़ी तेल कंपनियों एचपीसीएल व बीपीसीएल ने अपना घाटा कम करने को लेकर राशनिंग शुरू कर दी है। इनके विपणन अधिकारी पेट्रोल पंप मालिकों को केवल आठ घंटे पंप खुला रखने के खुले निर्देश दे रहे हैं।
इसका मतलब साफ है कि अब रात को नौ बजे के बाद डीजल-पेट्रोल की बिक्री नहीं करें। पेट्रोल डीजल की खपत घटाई जाए। दोनों ही कंपनियों के अधिकारियों ने पंप संचालकों को तेल की आपूर्ति भी कम कर दी है।
आपूर्ति घटी तो पंपों पर बिक्री हुई ठप
अपनी घाटे की पूर्ती करने की मंशा के चलते तुगलकी फरमान जारी करने वाली कंपनियां तेल सप्लाई कम होने का ठीकरा इंडियन ओयल कॉरपोरेशन लिमिटेड पर फोड़ रही हैं। जबकि आइओसीएल की ओर से दावा किया जा रहा है कि कंपनी अपने स्तर पर तेल की आपूर्ति पूरा कर रही है। प्रदेश में हालात इस कदर खतरनाक हो गए हैं कि कुल 6700 पेट्रोल पंपों में से 4500 पंपों पर ताला जड़ने की नौबत आ गई है। राजस्थान में अघोषित तेल संकट को लेकर कंपनियों के अधिकारी मौन हैं।
तेल राशनिंग आधी मई के बाद ही शुरू हुई
आपके बता दें कि तेल कंपनियों की ओर से राशनिंग का ये खेल आधी मई के बाद शुरू कर दिया गया था। कंपनियां इसका कारण ऊपरी स्तर पर हुए निर्णय को बता रही हैं। इधर, पंप संचालक बता रहे हैं कि राशनिंग से पहले डीडी बनवाकर बुकिंग करवाते ही तुरंत सप्लाई कर दी जाती थी। अब अग्रिम बुकिंग करवाने के बाद भी दो से तीन दिन में तेल पंपों पर पहुंच रहा है। प्रदेश के जयपुर, अजमेर, कोटा व जोधपुर में कंपनियों के डिपो में आपूर्ति को लेकर परेशानी आ रही है।
कंपनियों का दावा हो रहा घाटा
गत 21 मई को केंद्र की मोदी सरकार ने पेट्रोल पर 9.55 व डीजल पर 7.20 रुपए प्रतिलीटर एक्साइज ड्यूटी घटाई। जिसके चलते तेल की बढ़ रही कीमतों पर ब्रेक लगा व लोगों को राहत मिली। मगर इसके उलट अब पेट्रोलियम कंपनियों के अधिकारी पेट्रोल पर करीब 12 व डीजल पर 14 रुपए प्रतिलीटर के नुकसान का राग अलाप रहे हैं।