नई दिल्ली : राजस्थान के बाड़मेर से एक बेहद सनसनीखेज खबर सामने आ रही है। नसबंदी शिविर में नसबंदी करवाने आई महिलाओं की तस्वीरें निकाल कर डॉक्टरों ने सोशल मीडिया पर डॉक्टरों के व्हाट्सअप ग्रुप पर वायरल कर दिया। ये महिलाएं नसबंदी के लिए डॉक्टरों के पास आई थी जिनकी डॉक्टरों ने आपत्तिजनक तस्वीरें ले ली और व्हाट्सअप पर शेयर कर दिया जो देखते-देखते सोशल मीडिया पर वायरल हो गया।
बता दें कि बाड़मेर के गुधा मलानी में स्थित एक सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में नसबंदी शिविर लगाया गया था जहां कई महिलाएं आई थी। यहां पर तैनात स्टाफ ने उनकी तस्वीरें लेकर मेडिकल स्टाफ के व्हाट्सअप ग्रुप पर शेयर कर दिया। इस पूरे मामले पर बाड़मेर जिला कलेक्टर और सीएमएचओ ने अलग-अलग जांच के आदेश दिए हैं।
MP से भी डॉक्टरों की लापरवाही का मामला आया सामने
बता दें कि नसबंदी से ही जुड़ा एक और बेहद शर्मनाक मामला मध्य प्रदेश के छतरपुर से सामने आया है। यहां के सरकारी अस्पतालों में नसबंदी कराने आई महिलाओं के साथ लापरवाही बरते जाने की खबर ने लोगों में आक्रोश पैदा कर दी है। रिपोर्ट के मुताबिक नसबंदी के ऑपरेशन के बाद अस्पताल में महिलाओं को बेड नहीं दिया गया जिसके बाद उन्हें अस्पताल परिसर में फर्श पर ही लेटने के लिए मजबूर होना पड़ा। ऐसे में उन्हें इंफेक्शन का भी खतरा था।
सोशल मीडिया पर इसी से जुड़ा एक वीडियो सामने आया है जिसमें कई महिला मरीजों को ठंड के मौसम में जमीन पर चादर बिछाकर और एक चादर ओढ़कर लेटे हुए देखा जा सकता है। ऑपरेशन के बाद महिलाओं को ठंडे फर्श पर ही लेटा दिया गया। इतना ही नहीं, उनके परिजनों को स्ट्रेचर तक नहीं मिला जिसके बाद उन्हें हाथों में उठाकर मरीजों को ऑपरेशन थियेटर से बाहर तक लाना पड़ा। सिविल सर्जन आर त्रिपाठी ने बताया कि प्रतिदिन करीब 30 महिलाओं की नसबंदी कराई जाती है। उन्हें बेड सुविधा दिए जाने के लिए बेहतर इंफ्रास्ट्रक्चर की जरूरत है।
इसके पहले विदिशा के लटेरी कम्युनिटी हेल्थ सेंटर से भी नसबंदी कराने आई महिलाओं के साथ इसी प्रकार की लापरवाही बरते जाने का मामला सामने आया था। करीब 37 महिलाओं की जमीन पर लेटी हुई तस्वीरें सामने आने के बाद अस्पताल प्रशासन में हलचल मच गई। इस पर चीफ मेडिकल ऑफिसर ने बताया कि इस मामले में जांच के आदेश दिए गए हैं दोषी पाए जाने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।