- हरियाणा के अपेक्षाकृत पिछड़े क्षेत्रों में आर्थिक गतिविधियों में आएगी तेजी
- प्रदूषण से दिल्ली एनसीआर के लोगों को मिलेगी राहत
- जयपुर और चंडीगढ़ के बीच की दूरी 50 किलोमीटर तक हुई कम
Jaipur to Chandigarh: जयपुर और चंडीगढ़ के बीच यात्रा का समय कम से कम तीन घंटे कम होने वाला है। साथ ही हरियाणा के दक्षिणी हिस्सों के महेंद्रगढ़, जींद और नारनौल जिलों से राज्य की राजधानी चंडीगढ़ की यात्रा महज दो-तीन घंटे में पूरी की जा सकेगी। इसके लिए भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण इस कॉरिडोर पर 227 किलोमीटर न्यू-अलाइनमेंट और ग्रीनफील्ड लिंक कॉरिडोर खोलने की तैयारी कर रहा है। ज्ञात हो कि, इस 227 किलोमीटर ग्रीनफील्ड हाइवे को बनाने में 9500 करोड़ रूपए का खर्च आया है। बता दें कि, इस खर्च में जमीन अधिग्रहण भी शामिल है।
मिली जानकारी के अनुसार, इस छह-लेन के नए राजमार्ग पर जयपुर की ओर से चंडीगढ़ और उससे आने वाला ट्रैफिक पूरे एनसीआर को बाईपास करके निकलेगा। वर्तमान समय में इन दोनों शहरों की ओर जाने वाले वाहनों को या तो दिल्ली से गुजरना पड़ता है या राजधानी को बायपास करने के लिए वेस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेसवे से होकर जाना पड़ता है। इसी तरह, चंडीगढ़ की ओर से जयपुर और मुंबई की ओर आने वाला ट्रैफिक भी हाइवे का इस्तेमाल करके बिना एनसीआर में प्रवेश किए तेजी से सफर कर सेकेंगे। अब राष्ट्रीय राजमार्गों पर भीड़भाड़ कम होगी और दिल्ली-एनसीआर के लोगों को प्रदूषण से राहत मिलेगी। खुशखबरी ये है कि, इससे हरियाणा के अपेक्षाकृत पिछड़े क्षेत्रों में आर्थिक गतिविधियों में तेजी आएगी।
एनएच पर होंगी ये सुविधाएं
केंद्र सरकार के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि, यह ग्रीनफील्ड लिंक, अंबाला-कोटपुतली आर्थिक गलियारे का एक हिस्सा है। इसने जयपुर और चंडीगढ़ के बीच की दूरी को 50 किमी तक कम कर दिया है। पंचकूला से कोटपुतली तक ट्रांस-हरियाणा राजमार्ग परियोजना दक्षिण हरियाणा के पिछड़े जिलों में आर्थिक गतिविधियों के रास्ते खोलेने का काम करेगी। बता दें कि अधिकारियों ने कहा कि, सभी काम बिना समय सीमा के पूरे कर लिए गए हैं और इस हाइवे पर यात्रियों के लिए बेहतरीन सुविधाएं हैं। NHAI ने यात्रियों के लिए छह रास्ते की सुविधाओं के लिए बोली लगाई है और एनएच के दोनों किनारों पर इन परिसरों में रेस्तरां, फ्यूल स्टेशन, व्हीकल चार्जिंग पॉइंट और तत्काल ट्रॉमा सेंटर जैसी सुविधाएं भी मिलेंगी।
सुरक्षित होगा एनएच
जानकारी के लिए बता दें कि, परियोजना में शामिल एक अधिकारी ने बताया कि, हमने अन्य दिशाओं से आने वाले हाई-बीम लाइट वाले वाहनों को रोकने के लिए सड़क के बीच में एंटी-ग्लेयर ब्लेड का उपयोग किया है। हर 30 किमी के लिए, हमारे पास एक क्रेन, एम्बुलेंस और गश्ती करने वाले वाहन मौजूद हैं। किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए वीडियो इंसिडेंट डिटेक्शन सिस्टम पहले से ही चालू किया गया है।