- गाजी फकीर के अंतिम संस्कार स्थल पर जमा हुई भीड़ कोविड-19 प्रोटोकॉल का पालन नहीं कर रही थी।
- मौलाना गाजी फकीर का आयु संबंधी बीमारियों के कारण निधन हो गया।
- वे जैसलमेर में सिंधी मुसलमानों के आध्यात्मिक नेता थे
जयपुर: राजस्थान के जैसलमेर में आज धार्मिक गुरु मौलाना गाजी फकीर के अंतिम संस्कार के दौरान कोविड-19 मानदंडों का पालन नहीं किया गया। खबरों के मुताबिक कांग्रेस नेता और राजस्थान के मंत्री सालेह मोहम्मद के पिता मौलाना गाजी फकीर के अंतिम संस्कार स्थल पर जमा हुई भीड़ कोविड-19 प्रोटोकॉल का पालन नहीं कर रही थी।
फकीर का अंतिम संस्कार आज उनके पोखरण के पास भागू की ढाणी में उनके नाम पर किया गया। सैकड़ों लोग वहां इकट्ठा हुए, कुछ बिना मास्क के, किसी भी तरह के सोशल डिस्टेंसिंग का पालन नहीं कर रहे थे। उनके अंतिम संस्कार का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है और लोग इसको लेकर मिली-जुली प्रतिक्रियाएं दे रहे हैं।
मौलाना गाजी फकीर का आयु संबंधी बीमारियों के कारण आज निधन हो गया। वे जैसलमेर में सिंधी मुसलमानों के आध्यात्मिक नेता थे और पिछले 50 वर्षों से सीमावर्ती जिले में एक प्रभावशाली नाम थे। वह जैसलमेर और बाड़मेर जिलों में रहने वाले 5 लाख सिंधी मुसलमानों के लिए पूजनीय थे।
वह पाकिस्तान में सिंध में पीर पगारो के नाम से प्रसिद्ध सैयद मर्दन शाह के श्रायन से जुड़ा था। उनके शब्द राजस्थान में रहने वाले सिंधी मुसलमानों के लिए लास्ट रिट थे। यह ध्यान दिया जाना चाहिए कि उनके बेटे सालेह मोहम्मद राजस्थान में अशोक गहलोत सरकार में अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री और पोखरण से विधायक हैं।