- बेटी की शादी में बेहिसाब रूपए खर्च करने के बाद आईटी के निशाने पर आया कारोबारी
- कारोबारी के 37 ठिकानों पर छापे की कार्रवाई के बाद कई सुराग हाथ लगे
- विभाग को करीब 40 करोड़ के ट्रांजेक्शन के दस्तावेज व 10 लॉकर की चाबियां मिली
Jaipur IT Raid: राजधानी जयपुरी में अपनी बेटी की शादी में बेहिसाब रूपए खर्च करने के बाद आयकर विभाग के निशाने पर आया कारोबारी काले धन का कुबेर निकला। जांच में कारोबारी के ठिकानों पर मिले अकूत धन को देखकर आयकर महकमे के अधिकारी खुद हैरान है। आइटी के अधिकारियों को रियल एस्टेट और ज्वेलरी कारोबारी आलोक कोटावाला के 37 ठिकानों पर छापे की कार्रवाई के बाद कई सुराग हाथ लगे हैं। इस बीच विभाग को करीब 40 करोड़ के ट्रांजेक्शन के दस्तावेज व 10 लॉकर की चाबियां मिली हैं। आरोपी कारोबारी के होटल, हॉर्टिकल्चर व कंस्ट्रक्शन का बिजनेस है।
अधिकारियों मुताबिक 2016 में अपनी बेटी की शादी में अथाह धन खर्च करने वाला यह कारोबारी तब से महकमे के निशाने पर था। शादी में उसने बॉलीवुड एक्टर रणवीर सिंह सहित कई सेलिब्रिटी को बुलाया था। इसके अलावा विदेशी कलाकारों ने भी शादी में परफॉर्म किया था। आइटी के अधिकारियों के मुताबिक शादी से एक दिन पूर्व उदयपुर में स्थित सिटी पैलेस के माणक चौक में बर्फ के स्टेज पर फॉरेन से आए आर्टिस्ट्स ने डांस किया था। बॉलीवुड अभिनेता रणवीर सिंह व अभिनेत्री जैकलीन फर्नांडिस ने भी डांस किया था। वहीं गायक कलाकार शंकर महादेवन व यूएसए की पॉप सिंगर ऐली गोल्डिंग की मौजूदगी ने भी शादी की रौनक बढ़ाई थी।
दो सौ से अधिक अधिकारी-कार्मिक खंगाल रहे दस्तावेज
आइटी के हवाले से मिली जानकारी के मुताबिक छापे की कार्रवाई व्यापारी आलोक कोटावाला सहित इनके करीबियों के जयपुर में 33 और कोटा में 4 ठिकानों पर की गई। रेड में विभाग को बेहिसाब संपत्ति और ऑनलाइन लेनदेन के प्रूफ हाथ लगे हैं। विभाग की विशेष जांच शाखा को कंप्यूटर सिस्टम पर लेजर बुक्स से भी स्पेशल टीम जांच कर रही है। कार्रवाई में आइटी व पुलिस के दो सौ से भी अधिक कर्मचारी-अधिकारी कार्रवाई में शामिल हैं। अब विभाग बड़े स्तर पर ब्लैक मनी के खुलासे की बात कह रहा है। वहीं विभाग के मुताबिक कारोबारी के मालवीय नगर, हथरोई, एमआई रोड़, त्रिपोलिया बाजार व रामनिवास बाग आदि स्थानों पर स्थित उसके ठिकानों पर रेड की कार्रवाई की गई है। आइटी के अधिकारियों ने बताया कि कारोबारी के बार में काली कमाई के जरिए टैक्स चोरी और अघोषित इनकम की शिकायतें मिल रही थीं।