- दो पुलिसकर्मियों ने मिलकर लगाया था सभी डकैतों का पता
- 90 घंटे लंबा सीसीटीवी फुटेज रिवर्स में खंगाल कर लगाया पता
- दोनों पुलिसकर्मियों को गैलेंट्री अवार्ड के साथ मिला प्रमोशन
Jaipur News: जयपुर पुलिस के दो कर्मचारियों ने वह कर दिखाया जो विभाग के कई अधिकारियों को नामुमकिन लग रहा था। इन दोनों कर्मचारियों ने 7 दिन में 500 सीसीटीवी के फुटेज को खंगाल कर 1.25 करोड़ की डकैती का खुलासा किया। इन दोनों पुलिसकर्मियों में से एक गलता गेट थाने में तैनात कांस्टेबल प्रदीप हैं और दूसरे डीएसटी नॉर्थ के कांस्टेबल कानाराम है। इन दोनों ने मिलकर वारदात के बाद से 90 घंटे लंबी वीडियो को रिवर्स कर डकैतों का पता लगाया। इन दोनों पुलिसकर्मियों से जानकारी मिलने पर पुलिस ने दिल्ली में छापा मार कर एक महिला सहित 7 बदमाशों को गिरफ्तार कर लिया।
लूट की यह वारदात 24 अगस्त को हुई थी। घटना के बाद जांच में जुटे सभी पुलिस अधिकारी और कर्मचारी बदमाशों के भागने की फुटेज खंगाल रहे थे। इस टीम में प्रदीप और कानाराम भी शामिल थे। प्रदीप को अपने सोर्स से पता चला कि इस घटना में शामिल कार वारदात के एक दिन पहले 23 अगस्त को आटा व्यापारी के घर के बाहर आई थी। इसके बाद दोनों कांस्टेबलों ने सीसीटीवी फुटेज को रिवर्स में खंगालना शुरू का दिया। बता दें कि इन बदमाशों ने गलता गेट इलाके में आटा कारोबारी सत्यनारायण तांबी के घर में 24 अगस्त की शाम 7:30 बजे डकैती की इस वारदात को अंजाम देते हुए 60 लाख रुपये और डेढ़ किलो सोना लूटा था।
गैलेंट्री अवार्ड के साथ दोनों को मिला प्रमोशन
दोनों कांस्टेबल ने बताया कि सीसीटीवी फुटेज से पता चला कि यह सभी बदमाश बजरंग कॉलोनी में एक मकान किराए पर लेकर रह रहे थे। छानबीन करने पर पता चला कि ये सभी दिल्ली के बदमाश थे। जयपुर में डकैती करने के बाद सामान लेकर भाग गए। इन दोनों पुलिसकर्मियों ने अपने आला अधिकारियों को यह लीड देने के साथ इन आरोपियों के कई नंबर भी दिए। ये वो नंबर थे जिन पर यह महिला एक दुकान से रिचार्ज कराती थी। इन एक्टिव नंबरों के आधार पर टीम आरोपियों तक पहुंची। जयपुर पुलिस कमिश्नर आनंद श्रीवास्तव ने दोनों पुलिसकर्मियों के गैलेंट्री अवार्ड की घोषणा करते हुए प्रमोशन भी किया है। जल्द ही ये होनों हेड कांस्टेबल बन जाएंगे। कमिश्नर ने इनकी प्रशंसा करते हुए कहा कि, उनकी सटीक सोच और उस पर निरंतर काम करने के कारण ही इस केस का खुलासा हो पाया।