- नीट-जेईई एग्जाम टाले जाने के समर्थन में सचिन पायलट
- विरोध दल कोविड-19 का हवाला देकर सुप्रीम कोर्ट जाने की बात कह रहे हैं।
- 1 से 6 सितंबर के बीच नीट और जेईई की होनी है परीक्षा
जयपुर: नीट और जेईई परीक्षा के संबंध में मानव संसाधन विकास मंत्री डॉ रमेश पोखरियाल निशंक ने गुरुवार को कहा था कि करीब 80 फीसद छात्र प्रवेश पत्र डाउनलोड कर चुके हैं, यह अपने आप में इशारा करती है कि छात्रों को एग्जाम से किसी तरह की दिक्कत नहीं है। कुछ विपक्षी दल जानबूझकर राजनीति कर रहे हैं। इस बीच राजस्थान के डिप्टी सीएम रहे सचिन पायलट का कहना है कि केंद्र सरकार जिद पर अड़ी हुई है। सबको पता है कि पूरा देश कोविड-19 महामारी के दौर से गुजर रहा है। लेकिन केंद्र सरकार किसी भी कीमत पर एग्जाम कराना चाहती है।
नीट-जेईई एग्जाम के विरोध में कांग्रेस
एनएसयूआई एग्जाम को पोस्टपोन करने के लिए सड़कों पर आंदोलन चला रही है। कांग्रेस इस परीक्षा के खिलाफ कानूनी रूपरेखा पर भी काम कर रही है। केंद्र सरकार को किसी भी कीमत पर फैसले को वापस लेना होगा। अगर हमारा विरोध प्रदर्शन ऐसे ही जारी रहा तो केंद्र सरकार को झुकना ही होगा। यह एक तरह से मनमानी है, अगर सुप्रीम कोर्ट की तरफ से फैसला एग्जाम कराए जाने के संबंध में था तो केंद्र की तरफ से दोबारा अपील की जा सकती थी। लेकिन केंद्र के रुख से साफ है कि उसे छात्रों के स्वास्थ्य से लेनादेना नहीं है।
छात्रों के स्वास्थ्य के साथ समझौता नहीं
सचिन पायलट से जब पूछा गया कि एक तरफ आप कोविड 19 का हवाला देते हुए नीट-जेईई एग्जाम को टाले जाने के समर्थन में अलख जगा रहे हैं। लेकिन दूसरी तरफ राजस्थान में परीक्षा हो रही है।इस सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि राज्य में सीमित स्तर पर एग्जाम कराया जा रहा है और हमारे पास पर्याप्त संसाधन मौजूद हैं। लेकिन नीट राष्ट्रव्यापी परीक्षा है और इसमें छात्रों को एक जगह से दूसरी जगह जाना होता है। जिस तरह से कोरोना संक्रमण के केस में इजाफा हो रहा है वैसे में यह छात्रों के स्वास्थ्य के साथ समझौता होगा।