- राजस्थान के डिप्टी सीएम सचिन पायलट ने 30 कांग्रेसी विधायकों के समर्थन का किया दावा
- सचिन पायलट बोले- अशोक गहलोत सरकार अल्पमत में
- अशोक गहलोत का था बयान, सचिन पायलट किसी का फोन नहीं पिक कर रहे हैं।
नई दिल्ली। क्या राजस्थान कांग्रेस में भी मध्य प्रदेश की तरह फूट पड़ चुकी है। क्या सचिन पायलट ने बगावती सुर अख्तियार कर लिया है। क्या अशोक गहलोत की सरकार भी चंद दिनों की मेहमान है। यह सवाल इसलिए उठ रहे हैं क्यों कि सचिन पायलट ने कांग्रेस के 30 विधायकों के अपने साथ होने का दावा किया है। अगर ऐसा है तो निश्चित तो पर अशोक गहलोत के सामने मुश्किल है। इस बीच सोमवार को कांग्रेस विधायक दल की बैठक में हिस्सा लेने के लिए सभी 30 विधायकों को ह्विप जारी किया गया है।
सचिन पायलट का दावा-30 विधायक साथ
सचिन पायलट का दावा है कि उनके पास 30 विधायक हैं। उन्होंने कहा कि अशोक गहलोत सरकार अल्पमत में है। इसके साथ ही सोमवार को कांग्रेस विधायक दल की बैठक में सचिन पायलट शामिल नहीं होंगे। इस बीच अशोक गहलोत खेमे की तरफ से दावा किया जा रहा है कि बीजेपी के कुछ एमएलए उनके साथ है।
गहलोत समर्थकों की हुई बैठक
कांग्रेस विधायक दल की कल की बैठक से पहले सीएम निवास पर हुई विधायकों से अनौपचारिक चर्चा बैठक में कल की बैठक के एजेंडे पर विधायकों को ब्रीफ किया गया क्योंकि कल की बैठक में सहयोगी दल और समर्थन देने वाले विधायक भी रहेंगे मौजूद इसलिए कांग्रेस विधायकों को कल की बैठक की तैयारियों को लेकर की बातचीत हुई है।
आरोप- प्रत्यारोप का दौर शुरू
सचिन पायलट के दावे से पहले आरोप प्रत्यारोप का दौर शुरू हो चुका था। गहलोत सरकार में कैबिनेट मंत्री हरीश चौधरी ने कहा कि एक तरफ राज्य कोरोना का सामना कर रहा है तो दूसरी तरफ बीजेपी सरकार बनाने की लड़ाई लड़ रही है। इसके साथ ही कांग्रेस के एक विधायक रोहित बेहरा जो कि दिल्ली में हैं उमका कहना है कि वो व्यक्तिगत काम से आए है। अगर किसी को मुद्दे की तलाश करना है तो वो कर सकता है। वो कांग्रेस के सिपाही हैं और पार्टी के साथ रहेंगे।
इसके साथ ही कांग्रेस के एक और विधायक दानिश अबरार का कहना है कि सचिन पायलट पार्टी के अध्यक्ष हैं और वो सचिव। लिहाजा उनसे मिलना नियमित मुलाकात का हिस्सा है जहां तक रोहित बेहरा, उनके और चेतन दुद्दी का बीजेपी से मुलाकात का प्रश्न है वो पूरी तरह बेबुनियाद है।