- महिलाओं के खिलाफ अपराध के लिए स्मार्टफोन भी जिम्मेदार
- पुलिस के साथ साथ पैरेंट्स की जिम्मेदारी बढ़ी
- पैरेंट्स देखें कि पढ़ाई के बाद उनका बच्चा स्मार्टफोन को किस चीज के लिए इस्तेमाल करता है।
जयपुर। राजस्थान में महिलाओं के खिलाफ बढ़ते अपराध पर डीजीपी ने अपने अनुभव को साझा करते हुए कहा कि पुलिस के जिम्मे जो काम है उसे तो हम लोग पूरी कर रहे हैं। लेकिन हमें दूसरे मुद्दों पर भी ध्यान देना होगा। उन्होंने कहा कि राजस्थान में महिलाओं के खिलाफ अपराध की संख्या बढ़ी है।लेकिन हमें दूसरे कारणों को भी देखना होगा। वो कहते हैं कि स्मार्टफोन को जिस तरह से इस्तेमाल में लाया जा रहा है उस विषय पर पैरेंट्स को भी ध्यान देने की आवश्यकता है।
झूंझनू के एक केस का दिया उदाहरण
झूंझनू जिले का उदाहरण देते हुए वो कहते हैं कि वहां एक आरोपी को पकड़ा गया जिसे पोर्न देखने और ड्रग्स के सेवन की लत थी। बात यहीं तक रहती तो बात कुछ और होती। लेकिन वो बोलते बोलते यहां तक बोल गए कि कोविड काल में ऑनलाइन क्लास हो रही हैं, इस समय बच्चे स्मार्टफोन का ज्यादा इस्तेमाल कर रहे हैं और ऐसा हो सकता है कि क्लास के बाद वो इस तरह की कार्यों में लिप्त हों।
स्मार्टफोन पर नजर रखें पैरेंट्स
डीजीपी साहब ने कहा कि राज्य में जहां कहीं भी महिलाओं के खिलाफ अपराध के मामले सामने आ रहे हैं पुलिस के द्वारा तुरंत कार्रवाई की जा रही है। गोविंदगढ़ की वारदात हो या भीलवाड़ा की पुलिस ने कार्रवाई की है। लेकिन ऐसा लगता है कि यह माइंडसेट का भी विषय है। आप ने देखा होगा कि कोविड काल में जब स्कूलों में ऑफलाइन क्लास बंद हुई तो बच्चों को स्मार्टफोन दिए गए। ऐसे में अब ज्यादा जरूरी है कि माता पिता यह जरूर देखें कि उनका बच्चा पढ़ाई के बाद स्मार्टफोन के साथ क्या करता है, वो किस तरह के कंटेंट को देखता है।